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घाघरा का जलस्तर एक मीटर के पार, ग्रामीणों में दहशत

गोण्डा। तीन दिन पहले घाघरा के बढ़े जलस्तर ने गुरुवार को डेंजर लेबल से एक मीटर से ऊपर की बढ़त बना ली है। अभी भी खराब मौसम व घाघरा के कैचमेंट वाले इलाकों में हो रही लगातार बरसात सहित नेपाल की पहाडिय़ों पर हो रही बरसात के चलते नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता ही जा रहा है। जिससे गिरजा, शारदा व सरयू बैराजों में डिस्चार्ज बढ़ा हुआ है। घाघरा के इस विकराल रूख से अब एल्गिन चरसड़ी बांध पर बांसगांव के पास बांध को खतरा पैदा हो गया है। हालांकि सिंचाई विभाग अभी भी बांध पर कोई खतरा नहीं है की रट लगाए हुए है। इधर, बाराबंकी जनपद के मांझारायपुर व गोण्डा के करनैलगंज नकहरा गांव के नौ मजरों में घाघरा की बाढ़ से हाहाकार मचा हुआ है। लोग भाग भाग कर बांध पर शरण ले रहे है। नकहरा गांव से लेकर मांझारायपुर तक एल्गिनबांध पर लोगों की पन्नी से बनी व घासफूस से बनी झोपड़ी ही नजर आ रही है। बांध से लगे घाघरा के पानी व बांध पर रह रहे लोगों के बीच मात्र कुछ ही फुट की दूरी है। ऐसे में अगर जरा सी चूक हुई तो लोग पानी में सीधे जा गिरेंगे। सबसे अधिक समस्या तो रात में होती है। जब घुप अंधेरे में ही बाढ़ पीडि़तों को अपने सारे काम इसी खतरनाक बांध पर ही करना होता है। इन्ही सबके बीच सैकड़ो आवारा छुटटा जानवरों ने भी बांध पर ही आश्रय लिया हुआ है। जिससे बाढ़ पीडि़तों को और असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। खराब मौसम के चलते घाघरा और खतरनाक हो चली है। गुरुवार को सुबह 8 बजे एल्गिन ब्रिज घाघराघाट स्थित केन्द्रीय जल आयोग संस्थान से मिली जानकारी के अनुसार नदी का जलस्तर 107 दशमलव 076 दर्ज किया गया। जो सुबह 10 बजते बजते 107 दशमलव 086 पर पहुंच गया। इस प्रकार मात्र दो घंटे में नदी के जल स्तर में 1 सेंटीमीटर की बढ़त दर्ज की गयी। घाघरा डेंजर लेबल से 1 मीटर 1 सेटीमीटर ऊपर बह रही है। इधर गिरजा, शारदा व सरयू बैराजों का कुल डिस्चार्ज 3 लाख 37 हजार 997 क्यूसेक बना हुआ है। इसमें भी लगातार बढ़ोत्तरी दर्ज की जा रही है। जानकारों का मानना है कि अगर ऐसे में जोरदार हवा चली तो एल्गिन बांध के लिए खतरा उत्पन्न होना तय है।

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