main slideधर्म - अध्यात्मप्रमुख ख़बरेंबडी खबरेंराष्ट्रीय

अमरनाथ में सटीक भविष्यवाणी नहीं कर पाया मौसम विभाग, जारी किया था सिर्फ येलो अलर्ट

नई दिल्ली।  भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) जम्मू-कश्मीर स्थित पवित्र अमरनाथ गुफा के इलाके में मौसम की सटीक भविष्यवाणी कर पाने में नाकामयाब रहा। आईएमडी ने शुक्रवार को गुफा मंदिर के आसपास के इलाके के लिए येलो अलर्ट जारी किया था। इसका मतलब होता है, मौसम पर नजर रखें। येलो अलर्ट इस बात की चेतावनी नहीं देता की बारिश या भारी बारिश होगी। यही वजह रहा कि स्थानीय प्रशासन इस अलर्ट को गंभीरता से नहीं लिया और यात्री जारी रही।

दरअसल, मौसम विभाग अमरनाथ यात्रा को लेकर सुबह और शाम दो बार पूर्वानुमान जारी करता है। शाम चार बजे के बुलेटिन में भी विभाग मौसम के मिजाज को नहीं भांप पाया। उसने बादल छाने और हल्की बारिश की संभावना जताई। लेकिन साढ़े पांच बजे हुई बारिश ने तबाही मचा दी। मौसम विभाग के महानिदेशक डॉ. एम महापात्रा ने बताया कि गुफा के पास बारिश की वजह स्थानीय मौसमी घटना थी। वह बादल फटने की घटना नहीं थी। उन्होंने कहा कि यह स्थानीय पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश में स्थान-स्थान पर अंतर होता है। अमरनाथ में तबाही पानी के जमा होकर ढलान पर बहने से मची।

कितना मुश्किल है सटीक भविष्यवाणी?

डॉ. महापात्रा के अनुसार, भारी बारिश या बादल फटने का सौ फीसदी पूर्वानुमान संभव नहीं है, खासकर पहाड़ी इलाके में। पर्वतीय क्षेत्रों में रडार के सटीक आंकड़े भी नहीं मिल पाते हैं। जबकि मैदानी इलाकों में काफी हद तक अनुमान लगाना संभव होता है।

महाठग सुकेश से हर महीने डेढ़ करोड़ रिश्वत लेते थे पुलिस कर्मचारी

डॉपलर रडार इस बार नहीं ले जाया गया, इससे शत-प्रतिशत पूर्वानुमान संभव

सूत्रों की मानें तो मौसम की सटीक भविष्यवाणी के लिए अमरनाथ यात्रा में एक डॉपलर रडार वाहन में रखकर ले जाया जाता था, लेकिन इस बार ऐसा नहीं किया गया। डापलर रडार से तीन-चार घंटे पहले भारी बारिश का सटीक अनुमान लगाया जा सकता है। हालांकि, महापात्रा कहते हैं कि बनिहाल में डापलर रडार है। लेह, श्रीनगर तथा जम्मू में भी यह रडार है। लेकिन अमरनाथ यात्रा रूट के लिए पर्याप्त नहीं है। पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण अमरनाथ यात्रा मार्ग पर कई रडार लगाने होंगे।

जलवायु परिवर्तन का असर

बारिश की यह घटना चौंकाने वाली है। दरअसल, होली केव क्षेत्र में सुबह से शाम पांच बजे तक कोई बारिश नहीं हुई। लेकिन फिर अचानक भारी बारिश हुई। हालांकि, गुफा के निकट महज २8 मिमी बारिश एक घंटे में तथा 31 मिमी दो घंटे में हुई है। उस क्षेत्र में एक ही रिकॉर्डिंग केंद्र है। यदि गुफा से दो किमी दूरी पर 100 मिमी बारिश होगी तो वो रिकॉर्ड में नहीं आएगी। जैसे दिल्ली के शाहदरा में यदि भारी बारिश होती है और सफदरजंग इलाके में नहीं होती है तो मौसम विभाग के रिकॉर्ड में दिल्ली में शून्य बारिश दर्ज की जाती है। यही शायद अमरनाथ गुफा पर हुआ है, जिसे मौसम विभाग तकनीकी दांव-पेच में उलझा रहा है।

Show More

यह भी जरुर पढ़ें !

Back to top button