Presidential Candidates : द्रौपदी मुर्मू के नाम पर विपक्ष में लगेगी सेंध, जाने पूरी मामला
रांची। Presidential Candidates : द्रौपदी मुर्मू के नाम पर विपक्ष में लगेगी सेंध, जाने पूरी मामला.. भारतीय जनता पार्टी ने द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए का उम्मीदवार बनाकर बड़ा दांव चल दिया है, जिससे झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) की दुविधा भी बढ़ गई हैं। विपक्ष के साझा उम्मीदवार के रूप में यशवंत सिन्हा को उतारने के लिए जेएमएम ने भी हस्ताक्षर किया था, लेकिन एनडीए की ओर से आदिवासी उम्मीदवार को उतारे जाने के बाद शिबू सोरेन की अगुआई वाली पार्टी अपना स्टैंड बदल सकती है। यदि द्रौपदी मुर्मू चुनाव जीतती हैं तो वह देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति होंगी।
Presidential Candidates : कांग्रेस संग सरकार चला रही जेएमएम दे सकती है भाजपा का साथ
झारखंड में कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार चला रही जेएमएम के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि उनकी पार्टी मुर्मू का समर्थन कर सकती है, जिन्हें झारखंड में कार्यकाल पूरा करने वाली एकमात्र राज्यपाल होने का गौरव प्राप्त है। वह छह सालों तक झारखंड की राज्यपाल रही थीं। बताया जाता है कि मुर्मू वैचारिक और व्यक्तिगत रूप से शोरेन परिवार से जुड़ी रही हैं। पार्टी नेताओं का कहना है कि खुद को आदिवासियों की पार्टी के रूप में पेश करने वाली जेएमएम के लिए मुर्मू के खिलाफ जाना कठिन होगा।
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पार्टी के एक नेता ने कहा, जब समुदाय (आदिवासी) के लिए कुछ महत्वपूर्ण हो रहा है तो खुद को दूसरे पक्ष में देखना वैचारिक रूप से मुश्किल होगा। यद्यपि यशवंत सिन्हा भी झारखंड के नेता हैं, लेकिन मुर्मू को नजरअंदाज करना मुश्किल होगा, खासकर तब जब बीजेपी जैसे दल ने समर्थन देकर सिन्हा की जीत को और ज्यादा मुश्किल बना दिया है। पार्टी नेताओं का कहना है कि मुर्मू का सोरेन परिवार से व्यक्तिगत रिश्ता निर्णय में अहम भूमिका निभाएगा।
Presidential Candidates : जेएमएम के एक नेता ने कहा, दोनों परिवारों में घनिष्टता है
जेएमएम के एक नेता ने कहा, दोनों परिवारों में घनिष्टता है। ओडिशा के मयूरभंज जिले में सोरेन के कई पारिवारिक रिश्ते हैं, जहां से मुर्मू आती हैं। हमंत सोरेन की पत्नी सहित शिबू सोरेन की दो बहुएं इसी इलाके से हैं। हेमंत की बहन का विवाह भी उसी इलाके में हुआ है। यह सब मुर्मू का पलड़ा भारी बनाता है। हालांकि, अभी अंतिम फैसला पार्टी नेतृत्व को करना है।
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मुर्मू ने राज्यपाल के रूप में झारखंड में तत्कालीन भाजपा सरकार द्वारा लाए गए भूमि किरायेदारी कानून में संशोधन को खारिज कर दिया था। इसके बाद जेएमएम ने भाजपा को आदिवासी विरोधी बताते हुए आंदोलन की शुरुआत की थी। इसके बाद 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में जेएमएम, कांग्रेस और आरजेडी के गठबंधन ने जीत हासिल करके सरकार बनाई थी। 81 सदस्यों वाली विधानसभा में जेएमएम के 30 विधायक हैं। कांग्रेस के 17 और आरजेडी के एक विधायक का समर्थन सरकार को प्राप्त है।