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विश्वव्यापी खाद्य संकट का हो उचित समाधान : राजीव प्रताप रुडी

नई दिल्ली। व्यापार संगठन में कोविड-19 टिका, चिकित्सा विज्ञान और निदान के लिए ट्रिप्स छूट प्रस्ताव पर साकारात्मक चर्चा हुई है जिसका परिणाम शीघ्र दिखेगा। स्विट्जरलैंड के जिनेवा में विश्व व्यापार संगठन के भारत की ओर से प्रतिनिधित्व करने वाले सारण लोकसभा क्षेत्र के सांसद सह पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रुडी ने उक्त बाते कही। उन्होंने बताया कि बैठक में विश्व खाद्य संकट और खाद्यान्न भंडारण योजना, रूस-यूक्रेन युद्ध और युद्ध से उत्पन्न परिस्थितियों पर विशेष रूप से चर्चा की गई। खाद्य सुरक्षा के लिए सार्वजनिक स्टॉक होल्डिंग कार्यक्रमों का स्थायी, पर्याप्त और न्यायसंगत समाधान पर भी सकारात्मक चर्चा हुई है वहीं कोविड टीकाकरण को गति देने के लिए ट्रिप्स के नियमों में भी छुट देने पर सकारात्मक बात हुई।

विदित हो कि अक्टूबर 2020 में, भारत और दक्षिण अफ्रीका ने पहला प्रस्ताव प्रस्तुत किया था, जिसमें कोविड-19 की रोकथाम, रोकथाम या उपचार के संबंध में TRIPs समझौते के कुछ प्रावधानों के कार्यान्वयन पर सभी विश्व व्यापार संगठन के सदस्यों के लिए छूट का प्रस्ताव दिया गया था।   पूर्व केंद्रीय मंत्री  रुडी ने बताया कि वर्तमान परिस्थिति में यह बैठक अत्यंत महत्वपूर्ण है जब यूरोप के दो देश युद्ध की विभीषिका को झेल रहे है और पूरा संसार अभी कोविड के साइड इफेक्ट से पूरी तरह उबर नहीं पाया है ऐसे में कई विकसित और अन्य यूरोपीय देशों से सांसद प्रतिनिधियों के साथ यह बैठक कई मायनों में महत्वपूर्ण है। बैठक में सांसद ने बताया कि यूरोपियन यूनियन के कोविड के बाद के ड्राफ्ट स्वरूप पर भारत को आपत्ति है।

एक्शन एंटरटेनर गजाना में मुख्य भूमिका निभाएंगी वेदिका

कोविड के बाद भी अभी पूरी दुनिया में टीकाकरण पूरा नहीं हुआ है। टीकाकारण को पूरा करने के लिए ट्रीप्स को सहूलियत दी जाय। उन्होंने बताया कि इससे देशों द्वारा अपनी आबादी के टीकाकरण हेतु किये गए उन उपायों को संरक्षण प्रदान करेगा जिन्हें विश्व व्यापार संगठन के कानून के तहत अवैधानिक होने का दावा किया जा रहा है। यह कदम वैक्सीन को सभी के लिये सुलभ और अधिक किफायती बनाने के साथ ही अतिरिक्त मांग की आपूर्ति हेतु उत्पादन को बढ़ाने में मदद कर सकता है।  मत्स्य नीति पर भारत की ओर से अपनी बात रखते हुए रुडी ने कहा कि तर्कहीन सब्सिडी नीति और विकसित देशों को दी जाने वाली रियायत से भारतीय मछुआरों और उनकी आजीविका को नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि समझौते में सही संतुलन और निष्पक्षता आवश्यक है।

रूडी ने मत्स्य के क्षेत्र को बढ़ावा देने और छोटे मछुआरों की सुरक्षा के लिए प्रधान मंत्री मोदी के जोर पर भी जोर दिया। मालूम हो कि बिहार से सारण लोकसभा क्षेत्र के सांसद श्री राजीव प्रताप रुडी विश्व व्यापार संगठन के संचालन समिति के एकमात्र स्थायी सदस्य है जो भारतीय संसद का प्रतिनिधित्व करते हैं वहीं भारत सरकार का प्रतिनिधित्व पूर्व केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल करते है। पूर्व में संचालन समिति जिनेवा में संपन्न बैठक में भारतीय संसद की ओर सांसद रुडी द्वारा दिये गये संशोधन प्रस्तावों में से 80 प्रतिशत संशोधन पर इस बैठक में स्वीकृति प्रदान की गई।  पूर्व केंद्रीय मंत्री ने बताया कि आवश्यकता से अधिक मछली पकड़ना, गहरे समुद्र में मछली पकड़ना, अवैध, गैर-सूचित और अनियमित तरीके से मछली पकड़ने के विषय पर भी बैठक में चर्चा और विचार हुआ।

उन्होंने बताया कि 12वीं बैठक में जो ‘ऐतिहासिक निर्णय’ लिए गए हैं उनसे जिन प्रमुख हितधारकों को लाभ मिलेगा उनमें मछुआरे, किसान, खाद्य सुरक्षा, बहुपक्षवाद और कारोबार शामिल हैं। इसके साथ ही सांसद ने विश्व व्यापार संगठन के सात सदस्यीय अपीलीय निकाय में 6 सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हो चुका है, जिससे निकाय का अस्तित्व समाप्ति के कगार पर है इसपर रुडी ने भारत की चिंता से अवगत कराया। कृषि पर हुए समझौता में भारत के लिए खाद्यान्न सामग्री और भारतीय किसानों के हितों की रक्षा के लिए विशेष चर्चा करते हुए रूडी ने कहा कि भारत अब भी कृषि प्रधान देश है और विश्व के गिने चुने देशों में भारत शामिल है जहां किसान कल्याण विभाग सरकारी स्तर पर कार्यरत है।

उन्होंने कहा कि भारत एक विकासशील देश है इसलिए इस समझौते में विकासशील देशों को लाभ दिये जाते है। इस संदर्भ उन्होंने खाद्यान्नों के भंडारण की मांग की ताकि भारत सहित अन्य विकासशील देशों को लाभ मिल सके। इसके साथ ही भारत के खाद्यान्न भंडारण योजना पर खड़े किये जा रहे विवाद पर पर चर्चा हुई।

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