दिल्ली

16 आम दवाओं को ओटीसी श्रेणी (ओटीसी श्रेणी)में रखने की तैयारी

नयी दिल्ली. केंद्र सरकार की योजना खांसी, सर्दी-जुकाम और दर्द समेत अन्य रोगाों में इस्तेमाल होने वाली 16 तरह की आम दवाओं मसलन पैरासीटामोल, बंद नाक खोलने की दवा और फंफूदरोधी दवा को ओवर-द-काउंटर (ओटीसी) वर्ग (ओटीसी श्रेणी) में शामिल करने की है. ओटीसी वर्ग की दवाओं को गैर पर्चे वाली दवा कहा जाता है और इन्हें चिकित्सक के परामर्श के बगैर खरीदा जा सकता है.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने औषधि नियम-1945 में संशोधन का सुझाव दिया है, ताकि इन 16 दवाओं को सूची-के. के तहत लाया जा सके. सूची-के. की दवाओं को खरीदने के लिए चिकित्सक के पर्चे की जरूरत नहीं पड़ती. सूची-के. की दवाओं को लाइसेंस धारक खुदरा विक्रेता ओटीसी के तहत इन्हें आसनी से बेच सकते हैं. इस मामले में एक महीने में पक्षकारों के सुझाव आमंत्रित करने के लिए मंत्रालय द्वारा एक गजट अधिसूचना जारी की गई है.

इन 16 दवाओं में पोविडोन आयोडीन (एंटीसेप्टिक और कीटाणुनाशक एजेंट), मसूड़े की सूजन के लिए क्लोरोहेक्साइडिन माउथवॉश, क्लोट्रिमेज़ोल (एंटिफंगल क्रीम), खांसी के लिए डेक्सट्रोमेथोरफान हाइड्रोब्रोमाइड लोजेंगेस, एनाल्जेसिक मरहम डिक्लोफेनाक, बेंजोयल पेरोक्साइड (एक जीवाणुरोधी), डीफेनहाइड्रामाइन कैप्सूल (एंटीहिस्टामिनिक और एंटीएलर्जिक दवा), पैरासिटामोल, बंद नाक खोलने की दवा और जुलाब शामिल हैं.

प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाने के बाद इन दवाओं को बिना चिकित्सक की पर्ची के दुकानों पर बेचा जा सकेगा. हालांकि कुछ सलाह के साथ इन दवाओं को बेचा जाएगा जैसे कि उपचार की अधिकतम अवधि पांच दिनों से अधिक नहीं होनी चाहिए और यदि समस्या हल नहीं होती है, तो रोगी को चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए.

 

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