Illiterate Woman : तहसीलदार को ओडिशा हाईकोर्ट ने दी सजा, जाने कौन सी है सजा…
भुवनेश्वर। Illiterate Woman : तहसीलदार को ओडिशा हाईकोर्ट ने दी सजा, जाने कौन सी है सजा… एक अनपढ़ महिला का मामला उचित तरीके से सुने बगैर उस पर जुर्माना लगाने वाले एक तहसीलदार को ओडिशा हाईकोर्ट ने 50 पौधे रोपित करने का निर्देश दिया है। न्यायाधीश विश्वनाथ रथ की अदालत ने हाल ही में पुरी जिले में काकटपुर के तहसीलदार को कटक विकास प्राधिकरण (सीडीए) के किसी भी सेक्टर में सड़कों के किनारे पौधरोपण करने के लिए कहा था।
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तहसीलदार बिरंची नारायण बहेरा ने मीता दास नामक एक महिला के खिलाफ कथित तौर पर बलाना गांव में 0.08 एकड़ चराई भूमिक पर कब्जा करने और वहां कच्चा घर बनाने के आरोप में स्वतः संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की थी।
Illiterate Woman : ओडिशा हाईकोर्टः अनपढ़ महिला की शिकायत सुने बिना लगा दिया था जुर्माना
पिछले साल बेदखली का आदेश भी जारी किया गया था और साथ ही अनपढ़ मीता दास के खिलाफ एक हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था। महिला की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश रथ ने कहा कि तहसीलदार ने सुनवाई का मौका दिए बिना एक अजीब आदेश पारित किया था। अदालत ने कहा कि प्रशासन से इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए।
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इसके साथ ही उन्होंने तहसीलदार को सीडीसी इलाके में सड़कों के किनारे कम से कम 50 पौधों का रोपण करने का निर्देश दिया। मामले में तहसीलदार ने महिला के खिलाफ ओडिशा वन अतिक्रमण निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई की थी।
Illiterate Woman : तहसीलदार को दी गई 50 पौधे लगाने की सजा
महिला के वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता अनपढ़ है, इसे संबंधित कानून के बारे में जानकारी नहीं है और उसे अपनी ओर से कारण बताने का अवसर दिया जाना चाहिए था। वहीं, तहसीलदार के वकील ने कहा है कि कार्रवाई उचित आंकलन करने के बाद की गई थी।
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सुनवाई पूरी करने के बाद ओडिशा हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि जब भी किसी कानून के तहत कार्यवाही की शुरुआत की जाती है, तो मामले में अधिक विचार करने का एक निश्चित उद्देश्य होता है। विशेषकर, जब वह मामला अतिक्रमण से जुड़ा हो। हाईकोर्ट ने आगे कहा कि तहसीलदार को उसी तारीख पर ही मामले को तय करने में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए थी।