अंतराष्ट्रीय

फ्रांस (French )के राजनयिकों का भी निष्काषन

नई दिल्ली. रूस और यूक्रेन युद्ध को तीन महीने होने को है लेकिन अब तक युद्ध खत्म होने के आसार दिख नहीं रहे हैं. इधर यूक्रेन युद्ध को लेकर पश्चिमी देशों और रूस के बीच मतभेद बढ़ता जा रहा है. एक तरफ यूरोप के देश रूस पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगा रहे हैं तो दूसरी तरफ रूसी राजनयिक को भी अपने देश से निकाल रहे हैं. रूस भी बदले में ऐसा ही कर रहा है. मुताबिक रूस ने आज फ्रांस (French ) के 34 राजनयिकों को अपने देश से निष्काषित कर दिया है. रूसी विदेश मंत्रालय के हवाले से  खबर दी है. पिछले महीने फ्रांस ने भी कई रूस राजनयिकों को अपने देश से निष्काषित कर दिया था. फ्रांसीसी अधिकारियों का कहना था कि रूस के राजनयिकों को अपने देशों में रखना हमारे सुरक्षा हितों के खिलाफ है.

फिनलैंड के राजनयिकों का भी निष्काषन
इससे एक दिन पहले रूस ने फिनलैंड के दो राजनयिकों को भी निष्काषित करने का फैसला लिया था. फिनलैंड ने नाटो में शामिल होने का अनुरोध किया है और इसके लिए फिनलैंड की संसद ने अनुमोदन को स्वीकार भी कर लिया है. रूस फिनलैंड और स्वीडन को नाटों में न शामिल होने की धमकी देता रहा है. हालांकि फिनलैंड के राजनयिकों को रूस से निकालने की कार्रवाई बदले के रूप में की गई है क्योंकि पिछले महीने दो रूसी राजनयिकों को भी फिनलैंड ने निकाल दिया था.

दो महीने से चल रहा है निष्काषन का सिलसिला
जब से युद्ध शुरू हुआ है तब से यूरोपीय देशों और रूस के बीच राजनयिकों के निष्काषन का सिलसिला शुरू हो चुका है. सबसे पहले अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र में रूस के मिशन के 12 राजनयिकों को निष्काषित कर दिया था. अमेरिकी ने उनपर जासूसी का आरोप लगाया था. 23 मार्च को रूसी विदेश मंत्रालय ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए अमेरिका के इस कदम को शत्रुतापूर्ण कार्रवाई करार दिया था और इसके बदले में कार्रवाई करने के संकेत दिए थे.इसके बाद कई यूरोपीय देशों ने रूस के राजनयिकों को निष्काषित करना शुरू कर दिया था. 15 अप्रैल को रूस ने भी यूरोपीय संघ के 18 राजनयिकों को देश छोड़ने के लिए कहा था. इस तरह यूरोप के कई देशों ने रूसी राजनयिकों पर जासूसी का आरोप लगाकर उन्हें निष्काषित कर दिया है. नीदरलैंड ने 17 रूसी राजनयिकों को खुफिया अधिकारी करार देकर उन्हें निष्काषित कर दिया है. इसी तरह बेल्जियम ने 21 रूसी अधिकारियों को निष्काषित कर दिया था. फिर चेक गणराज्य ने भी एक रूसी अधिकारी को निष्काषित कर दिया.

 

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