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हे ! हिन्दू बंसज ! तेरा हुआ अब पूर्ण काम
हे ! हिन्दू बंसज महान,
तेरा हुआ अब पूर्ण काम !
हे राम जन्म भूमि न्यास,
बारम्बार तुझको प्रणाम !!
सदियों के माथे का कलंक,
बर्बर बाबर का अभिसप्त मान !
अयोध्या सिसकती कराह रही थी
करुण क्रंदन भरा रिक्त आह्वान !!
सदियों से थी पड़ी ये भूमि तड़पी
इंतज़ार कर रहा हे हिन्दुस्तान !
तुम खुद एक प्रस्तर-नीव-शिला बन ,
जा फूक दे शिलान्यास में अपने प्रान !!
अब खिला कीचड में भी हिन्दू,
अमृत-गरल का कमल सामान !
तेरा खोया सम्मान मिला अब,
अब जी पाया अपना स्वाभिमान !
आ तुझे अब मौका मिला है ,
जा बिठा दे अपने राम भगवान् !
भारत में राम राज्य अब आ रहा ,
हे हिन्दू सनातन -अमृत संतान !
हे ! हिन्दू बंसज तेरा,
हुआ अब पूर्ण काम !
हे ! राम भूमि, हे ! जन्म भूमि,
बारम्बार समर्पित तुझको प्रणाम !
बृजेश पांडेय, हरिद्वार,