विदेशी मेहमानों के भारत दौरे के वक्त राजधानी में दंगे संयोग या प्रयोग !!
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन इसी महीने की 21 तारीख को भारत दौरे पर आ रहे हैं। विदेश मंत्रालय ने इसको लेकर जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के निमंत्रण पर यूके के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन 21 और 22 अप्रैल को अपनी आधिकारिक यात्रा के तहत भारत आएंगे। पीएम मोदी के साथ उनकी द्विपक्षीय वार्ता 22 अप्रैल को होगी। अगले हफ्ते भारत के दौरे पर आर रहे ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और पीएम नरेंद्र मोदी के बीच होने वाली मुलाकात द्विपक्षीय रिश्तों के लिहाज से काफी अहम साबित हो सकती है।
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लेकिन ब्रिटिश पीएम के दिल्ली आगमन से ठीक पहले ही देश की राजधानी इन दिनों दंगे और हिंसा की घटना से दो चार हो रहा है। जहांगीरपुरी में हुई हिंसा के बाद इलाके के हालात लगातार तनावपूर्ण बने हुए हैं। विदेशी मेहमान के आगमन के ठीक पहले ही दिल्ली में हिंसा की घटना 2 बरस पहले के उत्तर पूर्वी दंगे की हिंसा की याद कराते हैं। उस वक्त अमेरिका के तत्तकालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत दौरे पर आए थे।
ट्रंप के आगमन के वक्त उत्तर पूर्वी दिल्ली के दंगे
23 फरवरी 2020 को गुजरात के अहमदाबाद में नमस्ते ट्रंप कार्यक्रम की तैयारी चल रही थी। एक दिन बाद अमेरिका राष्ट्रपति भारत आने वाले थे। पिछलेलकई हफ्तों से दिल्ली के शाहीन बाग में धरना चल रहा था। ऐसा ही धरना दिल्ली के मौजपुर में शुरू हुआ। मेट्रो लाइन के पास प्रदर्शनकारी बैठ गए। 22-23 फरवरी के दरमियान रात को जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के पास भी रास्ता रोककर प्रदर्शन शुरू हो गए थे। सीएए समर्थकों और विरोधियों में पत्थरबाजी शुरू हुई। पहले दिन पुलिसवालों समते कई जख्मी हुए लेकिन बात सिर्फ पत्थरबाजी तक सीमित नहीं रही।
अगले दिन अहमदाबाद में ट्रंप की मेहमानवाजी चल रही थी और इसके बीच देश की राजधानी में पत्थरबाजी, आगजनी और गोलियां चल रहीथी। दंगा हो रहा था। पुलिस की गाड़ियों में आग लगाई जा रही थी, पेट्रोल पंप जलाए जा रहे थे और एक दूसरे का कत्ल हो रहा था। मौजपुर और जाफराबाद के अलावा दिल्ली के भजनपुरा, चांद बाद और गोकुलपुरी जैसे इलाकों में हिंसा हुई। हालात पूरी तरह से काबू करने में एक हफ्ते का वक्त लगा।
जॉनसन के आगमन से पहले बिगड़े हालात
वहीं अब बोरिस जॉनसन के भारत दौरे से पहले इस तरह का माहौल देखने को मिल रहा है। जहांगीरपुरी हिंसा पर एक बड़ा खुलासा हुआ है। दिल्ली के जहांगीरपुरी में जिस कुशल चौक पर हनुमान जयंती की शोभा यात्रा के दौरान हिंसा की घटना देखने को मिली। उत्तर-पश्चिमी दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में शनिवार को हनुमान जयंती पर निकाली गयी शोभायात्रा पर पथराव के बाद भड़की हिंसा के मामले में पुलिस ने ‘ मुख्य षड्यंत्रकारियों’ सहित 20 लोगों को गिरफ्तार किया है।
शहर में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए दिल्ली पुलिस ने रविवार को ड्रोन और पैदल गश्त बढ़ा दी, संवदेनशील इलाकों में छतों से सर्विलांस/निगरानी तेज कर दी और विभिन्न अमन समितियों के सदस्यों के साथ बैठक की। जामिया नगर, जामा मस्जिद, संगम विहार, चांदनी महल, जसोला, हौज कासी सहित तमाम जगहों पर ड्रोन और पैदल गश्त की जा रही है। साथ ही उत्तरी-पूर्वी दिल्ली मेंं भी गश्त बढ़ा दी गई है जहां 2020 में साम्प्रदायिक दंगे हुए थे।
जहांगीर पुरी का सी ब्लॉक कनेक्शन ?
दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने 2020 दिल्ली दंगों की कोर्ट में दाखिल चार्जशीट में खुलासा किया था कि सीएए/एनआरसी के दौरान सी ब्लॉक कुशल चौक से अवैध बांग्लादेशी महिलाएं, बच्चों और पुरुषों को शाहीन बाग प्रोटेस्ट में शामिल करने के लिए 6-7 बसों में भरकर ले जाया जाता था जिनकी संख्या करीब 300 थी। वहीं जहांगीर पुरी के सी ब्लॉक ईदगाह के पास सीएए/एनआरसी के ख़िलाफ़ प्रोटेस्ट साइट भी शुरू की गई थी।
जिसे अवैध बांगलादेशी माहिलाएं, बच्चे और लोग चला रहे थे।वहीं चार्जशीट में ये भी लिखा है कि पथराव और दंगा करने में यहां से गए लोग भी शामिल थे। अब जिस जगह हनुमान जयंती शोभा यात्रा के निकलते समय यहां पथराव हुआ, ये जगह और ब्लॉक भी यही है। दिल्ली पुलिस अब इन सभी को ध्यान में रखते हुए जांच कर रही है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि खराब करने की साजिश-
साल 2020 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से प्रेस वर्ता के वक्त सवाल किया गया था तो उन्होंने कहा था कि ये भारत का आंतरिक मामला है। वहीं अब बोरिस जॉनसन के भारत आगमन में दो से तीन दिन का वक्त शेष है। ऐसे में ब्रिटिश पॉर्लियामेंट के भारत विरोधी सांसदों की तरफ से जॉनसन पर इस मुद्दे को उठाने का भी दवाब रह सकता है। इसके अलावा ब्रिटिश पीएम से अल्पसंख्यकों के मुद्दो को लेकर कथाकथित पत्रकारों की तरफ से ट्रंप की तरह सवाल भी किए जा सकते हैं।