भारत(India)पर प्रतिबंध या छूट पर अभी कोई फैसला नहीं :अमेरिकी विदेश मंत्री

वॉशिंगटन: अमेरिका के विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन ने कहा है कि अमेरिका ने रूस से एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीदने को लेकर भारत (India) पर सीएटीएसएए के तहत प्रतिबंध लगाए जाने या उसे छूट दिए जाने को लेकर अभी को फैसला नहीं किया है. सीएटीएसएए के जरिए अमेरिका अपने विरोधियों पर प्रतिबंधों लगाता है.
अमेरिकी प्रशासन ‘अमेरिकी विरोधियों से प्रतिबंधों के माध्यम से मुकाबला करने का अधिनियम’ सीएटीएसएए के तहत ईरान उत्तर कोरिया या रूस के साथ महत्वपूर्ण लेन-देन करने वाले किसी भी देश के खिलाफ प्रतिबंध लगा सकता है. सीएटीएसएए एक सख्त अमेरिकी कानून है, जो 2014 में क्रीमिया पर रूस के कब्जे और 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में उसकी दखल के जवाब में वॉशिंगटन को उन देशों पर प्रतिबंध लगाने का अधिकार देता है, जो मॉस्को से प्रमुख रक्षा साजो-सामान की खरीद करते हैं.
ब्लिंकन ने कहा, ‘हम सभी देशों से यह अनुरोध करते रहेंगे कि वे खासकर यूक्रेन में रूस की कार्रवाई के मद्देनजर रूसी हथियार प्रणालियों संबंधी बड़ा और नया लेन-देन करने से बचें. हमने सीएटीएसएए के तहत संभावित प्रतिबंध या संभावित छूट को लेकर अभी कुछ तय नहीं किया है.’
‘टू प्लस टू’ वार्ता में हुई चर्चा
विदेश मंत्री ब्लिंकन ने सोमवार को ‘टू प्लस टू’ मंत्रिस्तीय वार्ता के बाद अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन और भारतीय समकक्षों- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री जयशंकरके साथ एक जॉइंट प्रेस मीट में यह बयान दिया है. उन्होंने रूस से भारत द्वारा S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीदे जाने संबंधी सवाल के जवाब में यह कहा है.
ब्लिंकन ने इस बात का जिक्र किया कि भारत और रूस के बीच, खासकर सैन्य उपकरणों को लेकर पुराने संबंध हैं. उन्होंने कहा, ‘ये संबंध कई साल पहले के उस दौर से हैं, जब हम भारत के साझेदार नहीं बन पाए थे.’ ब्लिंकन ने कहा, ‘अब हम दोनों इस प्रकार के साझेदार बनने, भारत की पसंद का सुरक्षा साझीदार बनने में सक्षम और इसके लिए इच्छुक हैं. हमने आज जिन क्षेत्रों पर विस्तार से चर्चा की, उनमें यह भी शामिल है.’
इससे पहले, व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने भी एक सवाल के जवाब में कहा, ‘सैन्य कार्रवाइयों की बात करें, तो हमने सीएटीएसएए के तहत छूट के बारे में कोई फैसला नहीं लिया है.