Ukraine में मारे गए भारतीय student नवीन का पार्थिव शरीर पहुंचा भारत
नई दिल्ली। Ukraine में मारे गए भारतीय student नवीन का पार्थिव शरीर पहुंचा भारत…. यूक्रेन में छिड़े भीषण युद्ध के बीच मारे गए भारतीय छात्र नवीन शेखरप्पा ज्ञानगौडरम का शव आज भारत लाया गया। नवीन के पार्थिव शरीर को लाया विमान सुबह करीब 3 बजे बेंगलुरु हवाई अड्डे पर उतरा, जहां कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने बेंगलुरू हवाईअड्डे पर पहुंचकर नवीन शेखरप्पा के पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि अर्पित की। बीते दो मार्च को रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान गोलीबारी में भारतीय छात्र की मौत हो गई थी।
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परिजन लगातार शव को भारत लाने की कोशिशों में लगे हुए थे, जो इंतजार आज खत्म हो गया। एयरपोर्ट पर परिवार के सदस्यों ने मृतक को अंतिम श्रद्धांजलि दी और उसके बाद मुख्यमंत्री बोम्मई ने पार्थिव शरीर पर माल्यार्पण किया। कर्सीनाटक सीएम बोम्मई ने हवाई अड्डे के बाहर प्रेस को संबोधित करते हुए कहा, मैं यूक्रेन में गोलाबारी में मारे गए नवीन शेखरप्पा ज्ञानगौदर के नश्वर अवशेषों को वापस लाने के लिए प्रयास करने के लिए केंद्र सरकार को धन्यवाद देता हूं।
यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमने उन्हें गोलाबारी में खो दिया।
मृतक मेडिकल student का पार्थिव शरीर लेने के लिए परिवार के सदस्य राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ बेंगलुरु हवाई अड्डे पर मौजूद थे। मारे गए भारतीय छात्र नवीन शेखरप्पा के पिता ने बेंगलूर हवाई अड्डे पर मीडिया से हुई बातचीत में कहा, पहले पूजा होगी, उसके बाद बाडी को दर्शन के लिए रखा जाएगा और शाम को उसकी बाडी को एस.एस.अस्पताल दावणगेरे को डोनेट करेंगे। उसका बचपन से डाक्टर बनकर समाज की सेवा करने का इरादा था।
पिता ने कहा- शोध के लिए दान करेंगे बेटे का शव
लेकिन उसे यहां मेडिकल सीट नहीं मिल पाई, फिर उसे यूक्रेन भेजना पड़ा वो डाक्टर बनने का सपना पूरा नहीं कर पाया लेकिन कम से कम आगे आने वाले बच्चों को सीखने में उसकी बाडी से कुछ फायदा होगा इसलिए हमने उसकी बाडी डोनेट करने का फैसला किया है। नवीन शेखरप्पा ज्ञानगौदर के परिवार ने कर्नाटक के हावेरी में अपने पैतृक स्थान पर अंतिम संस्कार के हिस्से के रूप में श्रद्धांजलि अर्पित की, जिसके बाद उनका परिवार दावणगेरे के एसएस अस्पताल को शरीर दान करेगा।
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आपको बता दें कि एमबीबीएस के student नवीन शेखरप्पा ज्ञानगौदर कर्नाटक के हावेरी जिले के रहने वाला था। 21 वर्षीय छात्र यूक्रेन में खार्किव नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी चौथे वर्ष का छात्र था, जो युद्ध के दौरान खाना खरीदने के लिए एक दुकान में लगी कतार में खड़ा था, जब वह रूसी गोलाबारी में मारा गया।