केन्द्र और राज्य सरकार के प्रति आभार जताया – छात्र अनुराग सिंह !!

यूक्रेन में फंसे मेडिकल छात्र अनुराग सिंह रविवार को सकुशल अपने घर पहुंच गए। प्रशासनिक और एयरपोर्ट अफसरों ने गोरखपुर एयरपोर्ट पर उनका भव्य स्वागत किया। एयरपोर्ट से प्रशासन ने अनुराग को घर तक पहुंचाया। घर पहुंचते ही परिवारीजनों ने अनुराग को गले से लगा लिया। मां और बहन की आंखों से खुशी के आंसू छलक उठे। उधर, गोरखपुर के तीन और छात्र पूजा, मनुशरण श्रीवास्तव और संदीप सिंह रविवार की रात में रोमानिया एयरपोर्ट पहुंच चुके थे। सोमवार को उनके दिल्ली पहुंचने के उम्मीद है। इनके परिजनों को उम्मीद है कि वे सोमवार की शाम तक घर वापस आ जाएंगे।
पीएम व सीएम की मांग पहले के चरणों में भी अधिक रही !!
केन्द्र और राज्य सरकार के प्रति आभार जताया
गोरखपुर एयरपोर्ट पर उतरने के बाद उन्होंने केन्द्र और राज्य सरकार के प्रति आभार जताया और कहा कि उन्हें यूक्रेन से गोरखपुर तक आने में कहीं कोई असुविधा नहीं हुई। गोरखपुर आने के बाद ‘हिन्दुस्तान’ से फोन पर बातचीत में अनुराग ने बताया कि यूक्रेन में कॉलेज और केंद्र सरकार के सहयोग से वह सकुलशल दिल्ली पहुंचे। वहां प्रदेश सरकार के अफसरों ने भोजन कराया फिर अपने स्तर पर व्यवस्था कराकर गोरखपुर तक पहुंचाया। यूक्रेन में चल रहे हालात के बीच स्वदेश लौटने पर काफी खुशी हो रही है। कुसम्ही बाजार के अनुराग सिंह यूक्रेन में उजहोरोड नेशनल यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस सेकेंड ईयर के छात्र हैं।
गोरखपुर में रह रहीं मां शारदा देवी ने जबसे यूक्रेन पर हमले की खबर सुनी हैं, परेशान थीं। बेटे की सलामती के लिए ईश्वर से वंदना कर रहीं थीं। अनुराग के घर पहुंचने पर जोरदार स्वागत किया गया। अनुराग ने बताया कि जिस विमान से वे दिल्ली आए, उसमें यूपी व बिहार के 25 छात्र थे। गोरखपुर और आसपास जिले के वे अकेले थे। बताया कि तीन दिनों तक डर और भय के माहौल में रात गुजरी है। उजहोरोड शहर में हम थे, वहां हमले का असर काफी कम था, लेकिन उसे भी रेड जोन बनाया गया था।
नेशनल यूनिवर्सिटी के हॉस्टल
हम सभी लोग उजहोरोड नेशनल यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में थे। पूरे शहर में शाम सात बजे से सुबह 10 बजे तक कर्फ्यू लगा दिया गया था। हॉस्टल में रहने के कारण खाने-पीने की दिक्कत नहीं हुई। कॉलेज प्रशासन ने बस की व्यवस्था कर सभी छात्रों को हंग्री भेजवाया। वहां से भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने देश के सभी छात्रों से संपर्क किया। इसके बाद एयर इंडिया की फ्लाइट की व्यवस्था करके भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने हम सभी को उससे दिल्ली के लिए भेजा। हमारी फ्लाइट 3:50 बजे फ्लाइट दिल्ली पहुंची।
रोमानिया के रास्ते लौट रही वैशाली
चौरीचौरा थानाक्षेत्र के भोपा बाजार निवासी केशव प्रसाद जायसवाल की पुत्री वैशाली भी यूक्रेन के इवानो फ्रांकिवस्क में एमबीबीएस तृतीय वर्ष की छात्रा है। वैशाली भी युद्ध के बीच फंस गई थीं लेकिन किसी तरह वह भारतीय दूतावास पहुंच गईं। पिता केशव ने बताया कि वैशाली रोमानिया के वतन लौट रही है। सोमवार तक घर पहुंच जाने की उम्मीद है। युद्धग्रस्त यूक्रेन से बेटी की वापसी पर मां मंशा देवी ईश्वर को धन्यवाद देते हुए यूक्रेन में फंसे सभी भारतीयों के सकुशल वापसी की दुआ कर रही हैं।
यूक्रेन में फंसे पांच और छात्रों की सूची शासन को भेजी
यूक्रेन में गोरखपुर के फंसे 26 छात्रों की सूची भेजने के बाद जिला प्रशासन ने रविवार को पांच और छात्रों के नाम की सूची शासन भेजी है। यह सभी छात्र यूक्रेन के अलग-अलग प्रांत में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं।
छात्र का नाम पिता का नाम मोहल्ला
शिवम राय राम नारायण राय नई बाजार
अशोक कुमार अनिल कुमार टीकर
शिवम कुमार लालदेव हरनही
चांदनी नरेंद्र कुमार भारती कुशीनगर
दिव्यांशु शुक्ला डॉ. राजेश शुक्ला गोलघर
भैया…पास में गिर रहे बम, घर बुलवा लीजिए
यूक्रेन में फंसे चौरीचौरा क्षेत्र के नन्द प्रकाश ने वीडियो जारी कर वतन वापसी की गुहार लगाई है जबकि भोपा बाजार निवासिनी एक युवती की वतन वापसी हो रही है। चौरीचौरा थानाक्षेत्र के रामपुर बुजुर्ग गांव निवासी जय गोविंद मल्ल के पुत्र व पूर्व ग्रामप्रधान जैनेंद्र प्रकाश मल्ल के छोटे भाई नन्द प्रकाश (35) यूक्रेन के लुहांस्क स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं।
सड़क पर शुरू हुआ सेनाओं में संघर्ष, बंकर में छिपे हैं छात्र
यूक्रेन और रूस में चल रहे युद्ध के कारण भारतीय छात्रों की मुसीबत बढ़ती जा रही है। सभी प्रमुख शहरों की सड़कों पर सेनाएं आमने-सामने हैं। इस संघर्ष के कारण यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों की मुसीबत बढ़ गई है। लोग घर, हास्टल में बने बंकर और अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन के प्लेटफार्म पर फंस गए हैं। यूक्रेन के खारकीव में करीब 3500 भारतीय छात्र फंसे हुए हैं। ये छात्र मेडिकल यूनिवर्सिटी के हॉस्टल के बंकर और अंडरग्राउंड प्लेटफार्म पर हैं। रविवार को यहां पर लड़ाई बढ़ गई है। दूतावास ने भी युद्ध क्षेत्र में बचाव अभियान चलाने से हाथ खड़े कर दिए हैं। इसके कारण घबराहट बढ़ रही है।
रोमानिया बॉर्डर पर पहुंचकर फंसे हैं छात्र
भारतीय दूतावास रोमानिया के जरिये छात्रों को निकालने की कवायद में जुटा है। यूक्रेन और रोमानिया के बॉर्डर पर करीब पांच हजार छात्र फंसे हैं। रोमानिया ने अपने बॉर्डर सील कर रखे हैं। वहां भारतीय दूतावास के अधिकारी भी मौजूद हैं। बिछिया निवासी मनुशरण श्रीवास्तव ने बताया कि करीब 38 किलोमीटर दूर तक बार्डर पर जाम है। लोगों को अब पैदल ही बॉर्डर तक पहुंचना होगा। बॉर्डर पार कर रोमानिया की राजधानी तक ले जाया जाएगा जिसकी दूरी बॉर्डर से करीब ढाई सौ किलोमीटर है।
परिजनों को भरोसा दे रहीं दो बहनें
हुमायूंपुर निवासी खुशी कश्यप और काजल कश्यप खारकीव मेडिकल यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रही हैं। भाई रवि कश्यप ने बताया कि दोनों बहने युद्ध क्षेत्र में फंसी हैं। इसके बावजूद वे परिजनों को फोन कर ढांढ़स बंधा रही हैं। यहां लोग घबरा रहे हैं। वहां से फोनकर सब को संभाल रहीं हैं। दोनों रोजाना सुबह, दोपहर व शाम बात करती हैं। उन्होंने बताया कि नेटवर्क टावर नष्ट हो रहें हैं। इस वजह से इंटरनेट की दिक्कत हो रही है। कई इलाकों में बिजली काट दी गई है। जैसे तैसे परिजनों से संपर्क हो रहा है।