गुरमीत राम रहीम को Z+ सिक्योरिटी , CM खट्टर ने कह दी ऐसी बात !!
गुरुग्राम – दो महिलाओं से रेप मामले में जेल में सजा काट रहा डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को जेड प्लस सिक्योरिटी दिए जाने पर विवाद गहराता जा रहा है. इस बीच बाबा को सुरक्षा दिए जाने का बचाव करते हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि सुरक्षा का आकलन करने के बाद ही राम रहीम को जेड प्लस सुरक्षा दी गई है. राम रहीम अपनी दो शिष्याओं से बलात्कार के आरोप में 20 साल की सजा काट रहा है.
मुख्यमंत्री खट्टर ने मीडिया से बातचीत में कहा, ”किसी भी कैदी या बाहरी व्यक्ति को सुरक्षा मुहैया कराना सरकार का कर्तव्य है. गुरमीत राम रहीम फरलो पर हैं और कुछ सूचनाओं के आधार पर उन्हें जेड-सुरक्षा दी गई है.” राम रहीम 7 फरवरी को रोहतक की सुनारिया जेल से रिहा हुआ था. 21 दिन की फरलो के दौरान वह अपने गुरुग्राम आश्रम में कड़ी सुरक्षा के बीच रह रहा है.एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, “अगर कैदी को पैरोल पर रिहा किया जाता है, तो मौजूदा नियमों, विनियमों आदि के अनुसार जेड-प्लस सुरक्षा सुरक्षा या उसके बराबर सुरक्षा दी जा सकती है. क्योंकि उसे भारत और विदेशों में कट्टरपंथी सिख चरमपंथियों से अधिक खतरे का सामना करना पड़ता है.”
हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा है कि उनके पास राम रहीम को जेड प्लस सिक्योरिटी मुहैया करवाने को लेकर कोई फाइल नहीं आई थी. इससे पहले हरियाणा पुलिस की ओर से राम रहीम की जान को खतरा बताते हुए जेड सिक्योरिटी दी गई. डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम की जान को खतरा होने के दावे पर अनिल विज ने चुप्पी तोड़ते हुए कहा, ”मेरे पास ऐसी कोई भी रिपोर्ट नहीं आई है. मेरे पास राम रहीम से जुड़ी हुई कोई फाइल भी नहीं आई. इस मामले में मेरे पास कोई जानकारी नहीं है.” अनिल विज के बयान ने राम रहीम को लेकर पहले से खड़े हुए विवाद को और बढ़ा दिया है. रेप और हत्या के आरोपी राम रहीम 6 फरवरी को 21 दिन की फरलो पर बाहर आए हैं.
रेप के 2 मामलों में 20 साल की सजा काट रहा है राम रहीम – अगस्त 2017 में दो महिलाओं से रेप के आरोप में राम रहीम को 20 साल जेल की सजा सुनाई गई थी. 25 अगस्त, 2017 को उनकी सजा के कारण पंचकुला और सिरसा में हिंसा हुई थी, जिसमें 41 लोग मारे गए थे और 260 से अधिक घायल हो गए थे. राम रहीम को अपने अनुयायियों के वोटों को प्रभावित करने की उसकी क्षमता के चलते ही लगभग दो दशक तक पंजाब और हरियाणा में राजनीतिक नेताओं और पार्टियों की ओर से उसे संरक्षण मिलता रहा.