तेलंगाना में भाजपा के बढ़ते प्रभाव से परेशान चंद्रशेखर राव……

नई दिल्ली। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने विपक्षी क्षेत्रीय दलों को एक साथ जोडने की पहल शुरू की है। इसे भाजपा के खिलाफ विपक्षी मोर्चे की मुहिम के रूप में देखा जा रहा है। देश में लंबे समय से बिखरे पड़े तीसरे मोर्चे के दल इसमें एक बार फिर साथ आ सकते हैं। ऐसा होने पर भाजपा को तो चुनौती मिलेगी ही, कांग्रेस की भी दिक्कतें बढ़ेगी।
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तेलंगाना में भाजपा के बढ़ते प्रभाव से परेशान टीआरएस नेता चंद्रशेखर राव ने शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे और राकांपा नेता शरद पवार से भी मुलाकात की है। इसके पहले वे ममता बनर्जी से भी मिल चुके हैं। राव की कोशिश उन दलों को साथ लाने की है, जो भाजपा के खिलाफ लड़ रहे हैं। हालांकि, उनकी मेहनत कितना रंग लाएगी यह अन्य दलों की रुचि पर निर्भर करेगा। वामपंथी दलों और कांग्रेस ने अभी तक इस तरह की मुहिम में कोई रुचि नहीं दिखाई है।
देश में तीसरा मोर्चा लंबे समय से अस्तित्व में नहीं है।
लगभग दो दशक बाद चंद्रशेखर राव ने इसकी किरण दिखाई है। हालांकि, राव का कद इतना बड़ा कद नहीं है कि वे सभी क्षेत्रीय दलों को एक साथ जोड़ सकें। इसके अलावा पिछले अनुभव को देखते हुए भी क्षेत्रीय दल किसी एक छतरी के नीचे आने से हिचक सकते हैं। पूर्व में तीसरे मोर्चे में वामपंथी दलों की भी अहम भूमिका रही थी, लेकिन इस समय वह भी सक्रिय नहीं दिख रहे हैं।
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तेलंगाना में भाजपा के बढ़ते प्रभाव से परेशान टीआरएस नेता चंद्रशेखर राव ने शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे और राकांपा नेता शरद पवार से भी मुलाकात की है। इसके पहले वे ममता बनर्जी से भी मिल चुके हैं। राव की कोशिश उन दलों को साथ लाने की है, जो भाजपा के खिलाफ लड़ रहे हैं। हालांकि, उनकी मेहनत कितना रंग लाएगी यह अन्य दलों की रुचि पर निर्भर करेगा। वामपंथी दलों और कांग्रेस ने अभी तक इस तरह की मुहिम में कोई रुचि नहीं दिखाई है।