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संगम नगरी में 4.50 लाख लोगों ने गंगा में स्नान किया;

प्रयागराज: संगम नगरी में माघ पूर्णिमा के अवसर पर 4.50 लाख लोगों ने गंगा में स्नान किया, जिनमें बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं शामिल हैं. बुधवार को सुबह 11 बजे डुबकी लगाने के बाद श्रद्धालुओं ने दान किया. इसी स्नान के साथ कल्पवासियों का एक माह का कल्पवास पूरा हो गया.

मेला प्राधिकरण के एक अधिकारी ने बताया कि संगम में भोर से ही जनसैलाब का उमड़ना शुरू हो गया. सुबह ब्रह्म मुहुर्त में ही घाट पर स्नान करने वालों की भीड़ लगी रही.

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कल्पवास में रह रहे लोगों ने अब मेला क्षेत्र से अपने घरों के लिए जाना शुरू कर दिया है. इनके लिए ये पूजा और व्रत का काफी मायने रखता है. माघी पूर्णिमा का मुहूर्त बुधवार को रात्रि 10:25 बजे तक है. वहीं बताया जा रहा है कि लोगों के देर शाम तक गंगा स्नान करने की संभावना है.

हिंदू पंचाग में माघी पूर्णिमा की विशेषता

हिंदू पंचाग के अनुसार नए माह की शुरुआत माघी पूर्णिमा से ही होती है इस बार की माघ मास की पूर्णिमा मंगलवार को रही. इस पुण्यकारी दिन को स्नान, दान और व्रत भी किया जाता है, जिसका विशेष महत्व माना जाता है. कहा जाता है इस दिन दान- पुण्य करने से कई गुना फल की प्राप्ति होती है. पूर्णिमा तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है इसलिए हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि को बेहद शुभ दिन माना जाता है.

भगवान विष्णु की होती है पूजा

माघ मास की पूर्णिमा को धर्म ग्रंथों में माघी पूर्णिमा कहा गया है और इस दिन गंगा स्नान कर विष्णु भगवान की पूजा की जाती है. इसे देखते हुए गंगा और संगम के किनारे लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है.

स्नान को लेकर पूरी तैयारी प्रशासन

माघी पूर्णिमा पर्व के स्नान को लेकर प्रशासन ने तैयारियां पूरी कर ली हैं. यातायात पुलिस ने श्रद्धालुओं और स्नानार्थियों के लिए डायवर्जन लागू कर दिया है, जिसके तहत इन रास्तों पर 15 फरवरी से 17 फरवरी 2022 तक सरकारी वाहनों को छोड़कर अन्य किसी गाड़ी को प्रवेश नहीं मिलेगा. प्रयागराज में कुछ नो एंट्री प्वाइंट बनाए गए हैं. भारी कॉमर्शियल वाहनों पर इसका प्रभाव रहेगा. इन नो एंट्री प्वाइंट पर आज रात यानि 15 फरवरी से 17 फरवरी 2022 तक प्रवेश नहीं मिलेगा.

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