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जॉन लुइस के निधन पर भारतीय-अमेरिकी लोगों ने शोक प्रकट किया

वाशिंगटन नागरिक अधिकारों की वकालत करने वाले नेता जॉन लुइस के निधन पर भारतीय-अमेरिकी समुदाय ने शोक प्रकट किया है। लुइस ने अमेरिकी संसद की प्रतिनिधि सभा के सदस्य के तौर पर भारत और महात्मा गांधी से संबंधित कई कानूनों को पेश करने और पारित कराने में अहम भूमिका निभाई थी। लुइस का 80 वर्ष की उम्र में 17 जुलाई को निधन हो गया था। भारतीय अमेरिकी समुदाय ने लुइस के निधन पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि वह भारत के सच्चे दोस्त थे और गांधी और शांति की विचारधारा में पूर्ण विश्वास रखते थे। अमेरिका में भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू ने लुइस को भारत का सच्चा दोस्त कहा। संधू ने ट्वीट किया, “हम प्रतिनिधि सभा के सदस्य लुइस के निधन से शोकाकुल हैं। वह नागरिक अधिकार आंदोलन के महान नेता थे। वह अहिंसा के प्रबल समर्थक और भारत के सच्चे दोस्त थे। वह जिन मूल्यों के लिए जिए उनसे वह आने वाली पीढ़ी को हमेशा प्रेरित करते रहेंगे।” अमेरिकी सीनेट की भारतीय मूल की सदस्य कमला हैरिस ने एक वक्तव्य में कहा कि लुइस एक बड़ी शख्सियत थे जिनके भीतर देश के लिए कभी न खत्म होने वाली उदारता और प्रेम था। उन्होंने कहा, “प्रतिनिधि सभा के सदस्य जॉन लुइस अमेरिकी हीरो थे। वह बहुत बड़ी शख्सियत थे जिनके कंधों पर हममें से बहुत लोग खड़े हैं। अपने पूरे जीवनकाल में उन्होंने देश के लिए कभी न खत्म होने वाला साहस, उदारता और प्रेम प्रदर्शित किया।” पिछले साल दिसंबर में लुइस ने “गांधी-किंग स्कॉलरली एक्सचेंज इनिशिएटिव एक्ट” पेश किया था जिससे भारत-अमेरिका के बीच दोस्ती और मजबूत हुई थी। लुइस द्वारा यह विधेयक 2009 और उसके हर दो साल बाद पेश किया जाता रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी रविवार को लुइस के निधन पर शोक प्रकट किया था और कहा था कि उनकी विरासत लोगों को प्रेरणा देती रहेगी।

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