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युवाओं ने सीए की मुश्किल परीक्षा में सफलता !!

लखनऊ|  इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया (आईसीएआई) के फाइनल नतीजे गुरुवार को घोषित हुए। इनमें लखनऊ चैप्टर से भी बड़ी संख्या में युवाओं ने सीए की मुश्किल परीक्षा में सफलता हासिल की है। कुल 30 ऐसे अभ्यर्थी हैं जिन्होंने फाइनल परीक्षा पास करके सीए का टाइटल अपने नाम किया है। इनमें से पांच ऐसे मेधावी हैं जिन्होंने अपने पहले ही प्रयास में दोनों ग्रुप का तिलिस्म तोड़ने में सफलता हासिल की है।

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लखनऊ चैप्टर से मिली जानकारी के अनुसार 19 ऐसे अभ्यर्थी हैं जिन्हें अपने दूसरे-तीसरे प्रयास में दोनों ग्रुप पास करने में सफलता मिली है। यहां से कुल उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की संख्या 163 है। अच्छी बात यह है कोरोना की मुश्किलों के बीच भी सीए अभ्यर्थियों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है। पास हुए अभ्यर्थियों ने बताया कि कोविड में पहले तो ऑनलाइन पढ़ाई ही विकल्प थी, दूसरी बात कि पेपर के मौके भी कम हो गए थे, इसलिए इस बार की सफलता विशेष महत्व रखती है। लखनऊ चैप्टर के अनुसार सीए के नए सिलेबस में 15.31 प्रतिशत अभ्यर्थियों को सफलता मिली है, वहीं पुराने सिलेबस में 1.42 प्रतिशत ही सफल हुए हैं। जानकारों का कहना है कि ऐसा इसलिए है कि नया सिलेबस पहले से कहीं ज्यादा अपडेट व प्रासंगिक है।

टाइम मैनेजमेंट से मिली सफलता- अभय त्रिपाठी

लालबाग में रहने वाले अभय ने अमीनाबाद इंटर कॉलेज से 12वीं तक पढ़ाई की और जेएनपीजी कॉलेज से बीकॉम किया है। पिता शुत्रघ्न प्रताप सिंह नगर निगम लखनऊ में कार्यरत हैं व मां पद्मा त्रिपाठी गृहिणी हैं। साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाले अभय ने कहा कि सफलता के लिए टाइम मैनेजमेंट ही उनका मूलमंत्र रहा।

बिना रुके करते रहे प्रयास- नम्रता अरोड़ा

पहले ही प्रयास में सफल होने वाली नम्रता चारबाग में रहती हैं और नवयुग रेडियंस से 12वीं तब पढ़ाई की है। लखनऊ विश्वविद्यालय से बीकॉम के बाद अब उन्हें यह सफलता मिली है। पिता प्रदीप कुमार अरोड़ा का अपना व्यवसाय है, मां वंदना गृहिणी हैं। नम्रता कहती हैं कि पढ़ाई में बिना रुके प्रयास करते रहने से सफलता मिलेगी।

पापा का सपना पूरा किया- गोविंद गर्ग

मूलरूप से लखीमपुर के रहने वाले गोविंद यहां से सीए के लिए पढ़ाई कर रहे थे। पिता विजय कुमार गर्ग का अपना बिजनेस है और मां गृहिणी हैं। गोविंद बताते हैं कि उनके पिता की यह इच्छा थी कि गोविंद सीए बनें तो यह सफलता उन्हीं को समर्पित है।

गुरु ने दिखाया रास्ता तो मिली सफलता- अविजित राज सिंह

हजरंतगंज के लाप्लास में रहने वाले अविजित ने 12वीं तक सेंट फ्रांसिस से पढ़ाई की है और लखनऊ विश्वविद्यालय से बीकॉम किया है। पिता राज बहादुर सिंह वरिष्ठ पत्रकार व मां मधु सिंह गृहिणी हैं। अविजित बताते हैं कि उन्हें ट्यूशन पढ़ाने वाले गोविंद कश्यप ने उन्हें सीए बनने की प्रेरणा दी थी।

नौकरी के साथ सीए की तैयारी- गगनदीप सिंह

श्रृंगारनगर के रहने वाले गगनदीप के पिता हरभजन सिंह गुरुद्वारे में हेड ग्रंथी हैं और मां प्रीत कौर गृहिणी हैं। गगनदीप पिछले कई वर्षों से सीए में सफलता हासिल करने की कोशिश में लगे थे, साथ ही नौकरी भी कर रहे थे। दोनों में सामंजस्य बनाकर उन्होंने सफलता हासिल की।

सीए बन गई, अब अच्छी सी जॉब करनी है- हनी गोयल

हनी लखनऊ के गोमतीनगर इलाके में रहती हैं। ऑलमाइटी पब्लिक स्कूल से 12वीं और लखनऊ विवि से एमकॉम किया है। दोनों ग्रुप में एकसाथ सफल होने वाली हनी के पिता योगेश गोयल का अपना बिजनेस है और मां बबिता गृहिणी हैं। हनी सीए बनने के बाद सरकारी नौकरियों में अपने लिए संभावनाएं तलाशना चाहती हैं।

बहुत धैर्य रखा, तब मिली सफलता- हर्षिता बैसवार

इन्दिरानगर की रहने वाली हर्षिता लम्बे समय से सीए के लिए कोशिश कर रही थीं, मगर सफलता हाथ नहीं लग रही थी। सब कहने भी लगे थे कि कोशिश छोड़ दो लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अंतत: सफल हुईं। पिता कृष्णेन्द्र सिंह शिक्षक व मां सुमन उप्र निर्माण निगम में कार्यरत हैं।

दादाजी की आखिरी ख्वाहिश पूरी हुई- सूरज कपूर

आईपीएस अफसर स्व. वाईडी कपूर के पोते सूरज ने सीए बनकर अपने दादाजी की अंतिम इच्छा पूरी की है। एलपीएस से 12वीं की पढ़ाई, दिल्ली विवि से बीकॉम करके सीए की तैयारी करने वाले सूरज के पिता सुशील कुमार बिजनेस करते हैं, मां नीरू गृहिणी हैं।

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