धर्म - अध्यात्म

इस अंगूठी को पहनने से सेहत भी रहती है अच्छी

नई दिल्ली: ज्योतिष शास्त्र में नवरत्न अंगूठी को खास महत्व दिया गया है. माना जाता है कि इस अंगूठी को धारण करने से जीवन में नकारात्मकता नहीं आती है. साथ ही इसे धारण करने वालों का स्वास्थ्य उत्तम रहता है. इसके अलावा यह सौभाग्य में भी वृद्धि करता है. यही कारण है कि नवरत्न अंगूठी को बड़े-बड़े राजनेता और अभिनेता भी धारण करते हैं. जानते हैं कि नवरत्न अंगूठी को धारण करने की सही विधि क्या है.

नौ ग्रहों का प्रतिनिधित्व करती है नवरत्न अंगूठीनवरत्न अंगूठी सभी नौ ग्रहों का प्रतिनिधित्व करता है. इस अंगूठी में लगे सभी नौ रत्न नवग्रहों के बुरे प्रभाव को एकसाथ कम करता है. जिससे शरीर की सकारात्मक शक्ति सक्रिय हो जाती है. नवरत्न की अंगूठी पर सारे रत्न ग्रहों के सिद्धांत के अनुसार होने चाहिए. हालांकि कुंडली में ग्रहों की दशा के आधार पर शुभ रत्नों का चयन किया जा सकता है.

नवरत्न अंगूठी में लगे रत्न अलग-अलग ग्रहों पर निर्भर करते हैं. इस अंगूठी में लगा रूबी सूर्य का प्रतिनिधित्व करता है. माती से चंद्रमा को दर्शाता है. मंगल के शुभ प्रभाव के लिए मूंगा लगा होता है. बुध ग्रह के लिए पन्ना, गुरु के लिए पुखराज, शुक्र के लिए हीरा, शनि के लिए नीलम, राहु के लिए गोमेद और केतु के लिए कैट्स आई रत्न लगे होते हैं.

रत्न शास्त्र के जानकारों के मुताबिक नवरत्न अंगूठी को किस शुक्ल पक्ष के शुक्रवार के दिन धारण करना अच्छा होता है. इस अंगूठी को सूर्योदय से एक घंटे के भीतर धारण करना चाहिए. चाहें तो रविवार के दिन भी नवरत्न अंगूठी धारण कर सकते हैं.

 

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