हमेशा सत्ता की राह अवध की 77 सीटों ने दिखाई

लखनऊ:अवध क्षेत्र की 77 सीटों में सर्वाधिक सीटें पाने वाले को हमेशा सत्ता की राह दिखाई है। भाजपा हो या सपा, बसपा हो या फिर कांग्रेस या अन्य दलों की बात करें, हर किसी की नजर अवध क्षेत्र की सीटों पर है। इन सीटों को फतह करने के लिए राजनीतिक पार्टियां हर वो समीकरण बैठाने का प्रयास कर रही हैं, जिससे वह इन्हें जीतने में कामयाब हो सकें।
भाजपा और सपा की राह हुई आसान
वर्ष 2017 व 2012 के चुनाव नतीजों पर नज़र डालें तो साफ है कि वर्ष 2017 के चुनाव में भाजपा ने सर्वाधिक 61 सीटों जीतीं। गोंडा व बलरामपुर की तो सभी सीटें भाजपा जीतने में कामयाब रही। लखनऊ की एक सीट छोड़ दी जाए तो आठ सीटें भाजपा के खाते में गई थीं। सीतापुर की नौ सीटों में सात पर भाजपा कब्जा करने में कामयाब रही थी। इसी तरह अन्य जिलों में भी भाजपा ने जीत का परचम लहराया था और सत्ता पर काबिज हो सकी। इसी तरह वर्ष 2012 के चुनाव में जिस पार्टी ने अवध में सबसे ज्यादा सीटें जीतीं वही दल सत्तारुढ़ हुआ। इस चुनाव में अवध क्षेत्र में सपा ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए 77 में 59 सीटें जीतने में कामयाब रही थी।
अवध में आने वाले जिले
लखनऊ, सीतापुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, अमेठी, बाराबंकी, अयोध्या, अंबेडकरनगर, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर व गोंडा।