कश्मीर में हुए पाकिस्तान विरोधी प्रदर्शनों ने पाक की हवा निकाल दी

नई दिल्लीः पाकिस्तान ने कश्मीर मामले पर दुष्प्रचार करने के लिए 5 फरवरी को पूरी दुनिया में कश्मीर एकता दिवस मनाया. इसको मनाने के लिए पाकिस्तान के विदेश विभाग ने पूरी दुनिया में अपने दूतावासों और उच्चायोगों को खास निर्देश दिए. हालांकि, लाखों रुपये खर्च करने के बाद भी इस कवायद का कोई नतीज़ा नहीं निकला.
वहीं, कश्मीर में हुए पाकिस्तान विरोधी प्रदर्शनों ने इस आयोजन की हवा निकाल दी. रही-सही कसर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में हुए पाकिस्तान विरोधी प्रदर्शनों ने पूरी कर दी, जिनमें वहां के निवासियों ने कश्मीर के नाम पर सालों से शोषण के विरोध में आवाज़ उठाई और श्रीनगर की प्रगति के मुका़बले इस्लामाबाद के भी पीछे होने की बात कह दी.
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने 3 फरवरी को पूरी दुनिया में अपने मिशन व दूतावासों को आदेश दिया कि 5 फरवरी कोकश्मीर एकता दिवसपर भारत के खिलाफ दुष्प्रचार करने में पूरी ताक़त लगा दें. आयोजनों पर प्रतिबंधों के कारण डिजिटल, प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के साथ सोशल मीडिया पर भारत के खिलाफ ज्यादा से ज्यादा जहर उगलने के निर्देश के साथ एक डाक्यूमेंट भी तैयार करके भेजा गया, जिसे सोशल मीडिया पर फैलाना था.
इसके लिए ट्विटर कैंपेन के अलावा, डिबेट्स, वेबिनार, लेख और पेंटिंग प्रतियोगिताएं आयोजित की जानी थी. पाकिस्तान की अमेरिका, नॉर्वे, जर्मनी, आस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया सहित खाड़ी, पूर्वी यूरोप, और एशिया के पाकिस्तानी मिशनों ने पूरे उत्साह के साथ इस अभियान में हिस्सा लिया. पाकिस्तान की मेन स्ट्रीम मीडिया के प्रिंट और टीवी ने सरकारी आदेश के मुताबिक, इस आयोजन को सफ़ल बनाने के लिए पूरी ताक़त लगा दी. पाकिस्तान की सरकारी प्रचार एजेंसी आईएसपीआर के सहयोगी ट्विटर इंन्फ्लुएंसर्स ने लगातार ट्वीट पर माहौल बनाया.
इसके अलावा फर्ज़ी ट्विटर हैंडल्स के ज़रिए एक नई ट्रोल आर्मी बनाई गई. 27 जनवरी से हर रोज़ फर्ज़ी हैंडल बनाए गए. 4 फरवरी को ही इस दिन लगभग 1000 नए हैंडल्स बनाए गए और ट्वीट किए गए. केवल 4 फरवरी को ही इन हैंडल्स से लगभग 3 लाख ट्वीट किए गए, ताकि कश्मीर सालिडेरिटी डे को वायरल किया जा सके. जानकारों के मुताबिक इन आयोजनों पर करोड़ों रुपये खर्च किए गए.
कश्मीरियों ने निकाली रैली
वहीं, इस पूरी मोर्चाबंदी की कश्मीरियों ने धज्जियां उड़ा दी. भारत में कश्मीर के अलग-अलग शहरों और गांवों में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादी के खिलाफ़ रैलियां निकाली गईं. रैली में आए युवाओं ने खुलकर कश्मीर में 30 साल से चल रहे खून-खराबे के लिए पाकिस्तान को ज़िम्मेदार ठहराया और कहा कि वो हर हालत में भारतीय रहेंगे. वहीं, पाक अधिकृत कश्मीर (पाक ) में पाकिस्तान के खिलाफ़ गुस्सा तेज़ी से फूट पड़ा. मंग, हज़ीरा और बाग में पाकिस्तान विरोधी रैलियां निकाली गईं. इन रैलियों में 5 फरवरी को फ्रॉड डे का नाम दिया गया. मंग में अवामी वर्कर्स पार्टी के एक कार्यकर्ता ने आम लोगों से खुलकर कहा कि पाकिस्तान ने पाक को कभी बराबरी का दर्ज़ा नहीं दिया और श्रीनगर की प्रगति का मुक़ाबला पीओके के शहर क्या इस्लामाबाद तक नहीं कर सकता है.
कश्मीर एकता दिवस की शुरुआत 1990 में जमाते इस्लामी ने की थी. इसके अगले साल नवाज़ शरीफ़ ने इस दिन हड़ताल आयोजित करके, इसे बड़ा बनाया. इसमें कई प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन भी भाग लेते हैं और भारत विरोधी अभियान चलाने वालों ने इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजित करना शुरू किया है. 2007 में आतंकवादी संगठन लश्करे तैयबा की संस्था जमात उद दावा ने इस दिन पर बड़ा आयोजन किया था, जिसमें लश्करे तैयबा के मुखिया हाफ़िज़ सईद को प्रमुख वक्ता के तौर पर बुलाया गया था.