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गैर इरादतन हत्या के मामले में; सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई 25 फरवरी के लिए स्थगित;

चंडीगढ़। पंजाब में विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार के जोर पकड़ने के साथ ही कांग्रेस के पंजाब प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू की मुश्किलें बढ़ गई थी। 34 साल पहले रोडरेज (सड़क पर हिंसा) के दौरान गैर इरादतन हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में सिद्धू को मात्र एक हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी। मामले में पीड़ित पक्ष ने इस पर पुनर्विचार याचिका दायर की थी। इस पर आज सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई 25 फरवरी के लिए स्थगित कर दी है। बता दें, पंजाब में विधानसभा चुनाव के लिए 20 फरवरी को मतदान होना है।

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बता दें, नवजोत सिंह सिद्धू गत दिवस अचानक वैष्णो देवी के लिए रवाना हो गए थे। इसके लिए उन्होंने अपने कई चुनाव कार्यक्रम तक रद कर दिए। इसके बाद ट्वीट कर उन्होंने लिखा कि मां से प्रार्थना की है कि वह दुष्टों का विनाश करें, पंजाब का कल्याण करें व धर्म की स्थापना करें। नवजोत सिंह सिद्धू आज वैष्णो देवी से लौट आए हैं।दरअसल, पंजाब कांग्रेस में सीएम फेस को लेकर घमासान मचा हुआ है। नवजोत सिंह सिद्धू खुद को सीएम फेस के रूप में पेश कर रहे हैं, जबकि सीएम चरणजीत सिंह चन्नी अधिसंख्य नेताओं की पसंद हैं। राहुल गांधी के पंजाब दौरे के दौरान मंच से भी सीएम फेस की बात उठी थी।

इस बीच, रोडरेज मामला अचानक खुलने से नवजोत सिंह सिद्धू के लिए परेशानी बढ़ा गया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई 25 फरवरी तक स्थगित कर दी है। यानी अब सुनवाई पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए मतदान के बाद होगी। इससे सिद्धू को फिलहाल राहत मिल गई है।

रोडरेड का मामला 27 दिसंबर, 1988 का है। सिद्धू पटियाला में कार से जा रहे थे। इसी दौरान वह गुरनाम सिंह नामक बुजुर्ग से भिड़ गए। सिद्धू ने उन्हें मुक्का मारा। इसके कारण बाद में गुरनाम सिंह की मौत गहो गई थी। पटियाला पुलिस ने नवजोत सिंह सिद्धू और उनके दोस्त रूपिंदर सिंह पर गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया था। निचली अदालत ने सिद्धू को 1999 में बरी कर दिया था, पर पीड़ित पक्ष हाई कोर्ट चला गया। 2006 में हाई कोर्ट ने सिद्धू को तीन साल की सजा सुनाई। इस फैसले को सिद्धू ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। 2006 में जब हाई कोर्ट ने सिद्धू को सजा सुनाई थी, तब वह भाजपा में थे और अमृतसर से सांसद थे। इसके बाद उन्होंने लोकसभा सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया था।

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