main slideउत्तर प्रदेशप्रमुख ख़बरेंब्रेकिंग न्यूज़

शिक्षा के मंदिर को रिटायर्ड प्रिंसिपल ने जागीर समझा, रसूखदार लोगों का संरक्षण प्राप्त

लखनऊ। शिक्षा का मंदिर जहाँ आदर्श नागरिकों का निर्माण तथा देश का भविष्य तय होता है अगर उसे कमीषनखोरी और नाजायज आमदनी का साथ न बना लिया जाए तो भारत के सुनहरे भविष्य की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। कुछ ऐसे ही कृत्य में लिप्त हैं त्रिवेणी नगर में स्थित अलहुदा मॉडल स्कूल की 63 वर्षीय रिटायर्ड प्रधानाचार्या श्रीमती तबस्सुम अलवी। जो 30 जून 2020 को रिटायर्ड हो चुकी है लेकिन स्टेशनर्स से लाखों का कमीश्न व अभिभावकों से नाजायज वसूली के चलते और दबंग रसूखदार लोगों का संरक्षण प्राप्त होने के कारण प्रिंसिपल पद का चार्ज नवनियुक्त प्रिंसिपल नाजिश अता को नहीं सौंपा है और यह भी ज्ञात हुआ है कि अपने नापसंद कर्मचारियों को अपने हस्ताक्षर से निष्काशित भी कर रही है।

रघुनाथ सिंह नामक गार्ड को भेदभाव का आरोप लगाकर निकाल दिया। प्रिंसिपल पद की एक अपनी गरिमा होती है उस गरिमा को नजऱ अंदाज करके चापलूसी व जय-जयकार करने वालों के साथ विनम्र व्यवहार तथा विद्यालय की नियमावली की धज्जियाँ उड़ाती रही है। स्टेशनर्स और अभिभावकों से अनावश्यक नाजायज वसूली करके लाखों रूपया कमाती रही है। इसलिए 63 वर्षीय प्रिन्सिपल रिटायर्ड होने के बावजूद विद्यालय की सभी शाखों पर कब्जा जमाए हुए है। जिन्हें कौसर उसमान और शुऐब उसमानी का भरपूर संरक्षण प्राप्त है जो कि दबंग किस्म के व्यक्ति हैं।

राष्ट्रीय समाजिक कार्यकता संगठन के संयोजक मुहम्मद आफाक ने बताया कि विश्वसनीय सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि प्रिसिंपल के उकसाने पर कौसर उसमान ने विगत 24 जून को सुबह 9:30 बजे विद्यालय में कार्यरत् कर्लक से प्रेसिडेन्ट के कमरे की चाबियाँ छीनने के प्रयास में कर्लक के जोरदार थप्पड़ मारा था जिसकी सूचना अलीगंज थाने को दी गयी थी। इसके पूर्व शुऐब उसमानी ने प्रेसिडेन्ट के रूम में ताला डालने का प्रयास किया था। कहा जाता है कि के.जी.एम.यू. में कार्यरत डॉ. कौसर उसमान मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर हैं उनके सम्बन्ध मुख्तार अंसारी व अतीक अहमद इत्यादि से है। अत: मुख्यमंत्री योगी से मांग करते हुए मुहम्मद आफाक ने कहा कि उक्त दबंग प्रोफेसर कौसर उसमान की उनके सम्बन्धों की निष्पक्ष जाँच कराकर आवष्यक कार्यवाही की जाए।

Show More

यह भी जरुर पढ़ें !

Back to top button