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अनुसूचितजातिऔर अनुसूचित जनजाति को प्रमोशन में रिजर्वेशन पर फैसला आज

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को प्रमोशन में रिजर्वेशन देने के मुद्दे पर आज (28 जनवरी) को अपना फैसला सुनाने वाला है. बता दें कि कोर्ट ने पिछले साल 26 अक्टूबर को इस मुद्दे पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.

जस्टिस एल. नागेश्वर राव, जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस बीआर गवई की तीन सदस्यीय पीठ इस मामले पर अपना फैसला सुनाएगी. जस्टिस एल. नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली पीठ ने विषय में अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल, एडिशनल सॉलिसीटर जनरल (एएसजी) बलबीर सिंह और विभिन्न राज्यों की ओर से पेश हुए अन्य वरिष्ठ वकीलों सहित सभी पक्षों को सुना है.

इस मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की पीठ से कहा था कि यह सत्य है कि देश की आजादी के 75 साल बाद भी अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) समुदाय के लोगों को अगड़े वर्गों के समान मेधा के स्तर पर नहीं लाया गया है.
अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने दलील दी थी एससी और एसटी समुदाय के लोगों के लिए ग्रुप ‘ए’ श्रेणी की नौकरियों में उच्चतर पद हासिल करना कहीं अधिक मुश्किल है और वक्त आ गया है कि रिक्तियों (Vacancies) को भरने के लिए सुप्रीम कोर्ट को एससी, एसटी और ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) के लिए कुछ ठोस आधार देना चाहिए.

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी नौकरियों में अनुसूचितजातिऔर अनुसूचित जनजाति को प्रमोशन में रिजर्वेशन देने के मुद्दे को फिर से खोलने से मना किया था और कहा था कि वह इस मुद्दे को को फिर से नहीं खोलेगा, क्योंकि यह राज्यों को तय करना है कि वे इसे कैसे लागू करते हैं.

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