पटना। पटना के लोग अभी कोरोना वायरस की तीसरी लहर में ओमिक्रोन वैरिएंट की मार झेल रहे हैं। बिहार में कोविड के सबसे अधिक मरीज पटना में ही मिल रहे हैं। इस बीच पटना के लोगों को एक और बीमारी की चिंता सताने लगी है। विभाग ने फिलहाल सैंपल जांच के लिए कोलकाता स्थित प्रयोगशाला में भेज दिए हैं। इनकी रिपोर्ट आने में हफ्ते भर का वक्त लगेगा। तब तब पटना के लोगों को दोहरी सावधानी बरतना बेहतर रहेगा। मामला बिहार वेटेनरी कालेज में पिछले एक सप्ताह से मुर्गियों के लगातार मरते जाने का है। विभाग पता लगाने में जुटा है कि इसका कारण कहीं बर्ड फ्लू तो नहीं है।
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एक सप्ताह में मर चुकी हैं सैकड़ों मुर्गियां
बिहार वेटेनरी कालेज के पाल्ट्री फार्म में पिछले एक सप्ताह से मुर्गियां मर रही हैं और कालेज प्रशासन मौन साधे हुए है। पिछले 14 जनवरी को 3 मुर्गियों की मौत हुई थी, 15 को 7 मुर्गियां मरी। 16 जनवरी को 7, 17 जनवरी को 30, 18 को 54, 19 को 133 एवं 20 जनवरी को 220 मुर्गियों की मौत हो गई। उसके बाद वेटेनरी कालेज की नींद टूटी।
जांच के लिए कोलकाता भेजा गया है सैंपल
बिहार पशु स्वास्थ्य एवं उत्पादन संस्थान के निदेशक डा.सुनील कुमार वर्मा का कहना है कि अगर मुर्गियों की मौत की सूचना पहले ही दिन मिल जाती तो अब तक रिपोर्ट आ जाती और रोकथाम का समुचित उपाय किया जा सकता था। डा.वर्मा का कहना है कि संस्थान को जैसे ही मुर्गियों की मरने की सूचना मिली, तत्काल जांच टीम भेजकर जानकारी जुटाई गई।
बाहरी व्यक्ति के प्रवेश पर लगी रोक
वर्तमान में वातावरण में ठंड काफी है, ऐसे में बर्ड फ्लू से मौत हुई है या ठंड से कहना मुश्किल है। सभी पहलुओं पर टीम जांच कर रही है। संस्थान ने दिया कालेज को आवश्यक निर्देश संस्थान के वरिष्ठ विज्ञानी डा.पीएल दास ने कहा कि पाल्ट्री फार्म के जांच के उपरांत वहां तैनात चिकित्सकों एवं कर्मियों को रोकथाम के आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं।
मंत्री ने दिया जांच का निर्देश
पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के मंत्री मुकेश सहनी का कहना है कि वेटेनरी कालेज की मुर्गियों के मरने की सूचना मिली है। मुर्गियों की मौत कैसे हुई इसकी जांच कराई जा रही है। साथ ही रोकथाम के उपाए भी किए जा रहे हैं। यह भी देखा जा रहा है कि पाल्ट्री फार्म में मुर्गियों की मौत किसकी लापरवाही से हुई। दोषी की पहचान कर सख्त कार्रवाई की जाएगी।