लखनऊ
मंत्री जी अपने वादे पर नहीं उतरी खरी…!
लखनऊ। राजधानी लखनऊ की कुल 9 सीटों में एक 170 सरोजिनी नगर विधानसभा सीट राजनीतिक गलियारों में सबसे अहम मानी जाती है जिस पर मौजूदा समय में बीजेपी का कब्जा है । इसके पूर्व समाजवादी पार्टी का कब्जा था लेकिन 2017 में मोदी लहर के चलते बीजेपी ने कमल खिला कर जीत दर्ज की। यह सीट राजनीतिक गलियारों में सबसे अहम मानी जाती है। अब तक यहां की जनता ने कई बड़े-बड़े दिग्गजों को ऊंचे ओहदे तक पहुंचाया। मौजूदा समय की बात करें तो इस बार 2022 विधानसभा चुनाव में सपा व बसपा के धुरंधर भाजपा की काबिज सीट पर जोरदार दावेदारी कर रहे हैं। वहीं कांग्रेस भी 1996 से खोई हुई जमीन तलाश रही है।
राजनीतिक जानकार व वरिष्ठ पत्रकार सुशील कुमार की मानें तो इस बार 170 विधानसभा सीट पर भाजपा और बसपा की सीधी टक्कर समाजवादी पार्टी से होगी।
भाजपा की डगर आसान नहीं, दांव पर प्रतिष्ठा!
यूपी के योगी सरकार में बाल विकास व पोषाहार राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभात स्वाति सिंह ने 2017 मे प्रतिद्वंदी समाजवादी पार्टी के अनुराग यादव को 34179 हजार वोटों से शिकस्त देकर जीत दर्ज की थी। लेकिन इस बार भाजपा के लिए आसान नहीं होगी डगर दांव पर लग सकती है प्रतिष्ठा। 2017 में मोदी लहर व मायावती के विवाद ने भाजपा के वरिष्ठ नेता दयाशंकर की पत्नी स्वाति सिंह ने एक नई राजनीतिक विरासत हासिल की थी। नतीजा यह रहा कि शहर वासियों ने स्वाति सिंह को अपनी सर आंखों पर बैठा कर सत्ता की चाबी सौंप थी लेकिन इस बार भाजपा के लिए करो या मरो की स्थिति बन सकती है।
महंगाई व बेरोजगारी बिगाड़ सकती है खेल
सरोजिनी नगर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के विधायिका राज्यमंत्री स्वाति सिंह से क्षेत्रवासियों को बड़ी उम्मीदें थी, लेकिन मंत्री जी अपने वादे पर खरी नहीं उतरी यह बात क्षेत्र के सूरजपाल रावत ने कहीं। इनका कहना रहा है कि क्षेत्र की सड़कें जर्जर हैं, विकास सिर्फ कागजों पर किया गया जमीन पर नहीं रोजगार की तो बात ही ना करें। पढ़ा लिखा युवा बेरोजगार घूम रहा है। महंगाई आसमान छू रही हैं। राज्यमंत्री रहते हुए भी क्षेत्र आज भी मूलभूत सुविधाओं से कोसों दूर है जिन लोगों ने अपना विधायक चुना था चेहरा ही भूल गए ब्लॉक तहसील छोड़कर बाकी पांच साल हो गए क्षेत्र में दिखी ही नहीं।
जातिगत समीकरण भी है, सपा फायदे में…!
Ñसरोजनी नगर विधानसभा क्षेत्र में चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक लगभग 5 लाख वोटर है यह ऐसी सीट है जहां पर ग्रामीण मतदाताओं का प्रभाव सबसे अधिक रहता है क्षेत्र में सबसे अधिक दलित मतदाता है ठाकुर और ब्राम्हण यादव वर्ग के मतदाताओं का भी अच्छा खासा असर है मुस्लिम वर्ग के अलावा और भी लोग अहम रोल अदा करते हैं। समाजवादी पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर प्रदेश भर में झंडा लगाओ अभियान चल रहा है इसके माध्यम से क्षेत्र में समाजवादी कार्यकर्ता विकास बेरोजगारी महंगाई जैसा मुद्दा लेकर गांव गांव जा रहे हैं। ऐसे ही मुद्दे सरोजिनी नगर विधानसभा क्षेत्र में भी खूब चर्चित है इन्हीं कारणों के चलते समाजवादी पार्टी को काफी हद तक सीट वापसी पर उम्मीद जताई जा रही हैं बीजेपी से नाराज लोग भी सपा के साथ बड़ी संख्या में जुड़ रहे हैं।
राजनीतिक जानकार व वरिष्ठ पत्रकार सुशील कुमार की मानें तो इस बार 170 विधानसभा सीट पर भाजपा और बसपा की सीधी टक्कर समाजवादी पार्टी से होगी।
भाजपा की डगर आसान नहीं, दांव पर प्रतिष्ठा!
यूपी के योगी सरकार में बाल विकास व पोषाहार राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभात स्वाति सिंह ने 2017 मे प्रतिद्वंदी समाजवादी पार्टी के अनुराग यादव को 34179 हजार वोटों से शिकस्त देकर जीत दर्ज की थी। लेकिन इस बार भाजपा के लिए आसान नहीं होगी डगर दांव पर लग सकती है प्रतिष्ठा। 2017 में मोदी लहर व मायावती के विवाद ने भाजपा के वरिष्ठ नेता दयाशंकर की पत्नी स्वाति सिंह ने एक नई राजनीतिक विरासत हासिल की थी। नतीजा यह रहा कि शहर वासियों ने स्वाति सिंह को अपनी सर आंखों पर बैठा कर सत्ता की चाबी सौंप थी लेकिन इस बार भाजपा के लिए करो या मरो की स्थिति बन सकती है।
महंगाई व बेरोजगारी बिगाड़ सकती है खेल
सरोजिनी नगर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के विधायिका राज्यमंत्री स्वाति सिंह से क्षेत्रवासियों को बड़ी उम्मीदें थी, लेकिन मंत्री जी अपने वादे पर खरी नहीं उतरी यह बात क्षेत्र के सूरजपाल रावत ने कहीं। इनका कहना रहा है कि क्षेत्र की सड़कें जर्जर हैं, विकास सिर्फ कागजों पर किया गया जमीन पर नहीं रोजगार की तो बात ही ना करें। पढ़ा लिखा युवा बेरोजगार घूम रहा है। महंगाई आसमान छू रही हैं। राज्यमंत्री रहते हुए भी क्षेत्र आज भी मूलभूत सुविधाओं से कोसों दूर है जिन लोगों ने अपना विधायक चुना था चेहरा ही भूल गए ब्लॉक तहसील छोड़कर बाकी पांच साल हो गए क्षेत्र में दिखी ही नहीं।
जातिगत समीकरण भी है, सपा फायदे में…!
Ñसरोजनी नगर विधानसभा क्षेत्र में चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक लगभग 5 लाख वोटर है यह ऐसी सीट है जहां पर ग्रामीण मतदाताओं का प्रभाव सबसे अधिक रहता है क्षेत्र में सबसे अधिक दलित मतदाता है ठाकुर और ब्राम्हण यादव वर्ग के मतदाताओं का भी अच्छा खासा असर है मुस्लिम वर्ग के अलावा और भी लोग अहम रोल अदा करते हैं। समाजवादी पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर प्रदेश भर में झंडा लगाओ अभियान चल रहा है इसके माध्यम से क्षेत्र में समाजवादी कार्यकर्ता विकास बेरोजगारी महंगाई जैसा मुद्दा लेकर गांव गांव जा रहे हैं। ऐसे ही मुद्दे सरोजिनी नगर विधानसभा क्षेत्र में भी खूब चर्चित है इन्हीं कारणों के चलते समाजवादी पार्टी को काफी हद तक सीट वापसी पर उम्मीद जताई जा रही हैं बीजेपी से नाराज लोग भी सपा के साथ बड़ी संख्या में जुड़ रहे हैं।