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बीजेपी की भारी भरकम सोशल आर्मी !!!

लखनऊ. – डिजिटल कैंपेन की दौड़ में बीजेपी सबसे आगे खड़ी नजर आ रही है. चुनाव का बिगुल बजते ही बीजेपी की भारी भरकम सोशल आर्मी ने मोर्चा संभाल लिया है. हालांकि समाजवादी पार्टी ने भी अपने साइबर सेल को सक्रिय कर दिया है. साथ ही प्रचार के अन्य माध्यमों पर भी मंथन चल रहा है.

मौजूदा समय की बात करें तो डिजिटल कैंपेन की दौड़ में बीजेपी सबसे आगे खड़ी नजर आ रही है. चुनाव का बिगुल बजते ही बीजेपी की भारी भरकम सोशल आर्मी ने मोर्चा संभाल लिया है. हालांकि समाजवादी पार्टी ने भी अपने साइबर सेल को सक्रिय कर दिया है. साथ ही प्रचार के अन्य माध्यमों पर भी मंथन चल रहा है.

निर्वाचन आयोग द्वारा यूपी विधानसभा चुनाव  की तारीखों के ऐलान के साथ ही कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए 15 जनवरी तक रैलियों, पदयात्राओं, रोडशो और नुक्कड़ सभा पर प्रतिबंध भी लगाया गया है. हालांकि जिस तरह से रोजाना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं उसे देखते हुए कयास लगाए जा रहे है कि शायद ही इस बार फिजिकल रैलियों की अनुमति आयोग दे. लिहाजा सभी प्रमुख सियासी दल डिजिटल कैंपेन को लेकर कमर कस चुकी है.

बीजेपी डिजिटल सेल का पूरा ध्यान व्हाट्सऐप ग्रुप से प्रचार का है. यही वजह है कि मतदाताओं तक पहुंचने के लिए पार्टी ने बूथ स्तर पर एक लाख से ज्यादा ग्रुप बनाए हैं. अब इन्हीं व्हाट्सऐप ग्रुप के माध्यम से प्रचार सामग्री को जनता तक भेजा जाएगा. इसके अलावा ही 100 से अधिक फेसबुक पेज बनाए गए हैं,

जहां से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर योगी सरकार के काम काज को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने और विरोधियों को जवाब देने का काम किया जाएगा. अगर समाजवादी पार्टी और बीजेपी की तुलना की जाए तो उसके 7500 पोस्ट के मुकाबले बीजेपी के 28000 पोस्ट हैं.

LED स्क्रीन्स का भी होगा प्रयोग – पार्टी के पदाधिकारी के मुताबिक सोशल मीडिया के 9000 से अधिक वालंटियर्स को तैयार किया गया है. पार्टी वर्चुअल और डिजिटल कैंपेन में शिफ्ट करने के लिए तैयार है. बिहार में पार्टी इसका सफल प्रयोग भी कर चुकी है. बिहार चुनाव के तर्ज पर ही इस बार LED स्क्रीन्स का भी सहारा लिया जाएगा. बूथ स्तर तक LED स्क्रीन्स के सहारे मतदाताओं को रिझाने की कोशिश होगी.

समाजवादी पार्टी का ये है आरोप – समाजवादी पार्टी ने डिजिटल कैंपेन पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं. पार्टी के राष्ट्रिय महासचिव प्रो रामगोपाल यादव ने ट्वीट करते हुए सरकारी मशीनरी के दुरूपयोग का आरोप लगाया. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा ‘झंडा बैनर पोस्टर होर्डिंग कुछ नहीं लगा सकते, सभा, नुक्कड़ सभा, रोडशो, रैली भी नहीं कर सकते. मीडिया विपक्ष को दिखा नहीं सकती तो क्या अखिलेश की जनसभाओं में उमड़ते जन सैलाब से घबड़ाकर सरकारी पार्टी के अनुकूल सब व्यवस्था की जारही है. मतदाता सायकिल पहचानता है और सायकिल का बटन ही दबाएगा.’

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