मानव जाति के लिए ख़तरनाक है सौर तूफ़ान

न्यूयॉर्क :एक विनाशकारी सौर तूफान धरती की ओर बढ़ रहा है, जो मानव सभ्यता के लिए बेहद खतरनाक है. ये तूफान खगोलविदों के लिए सबसे बड़ी परेशानी बना हुआ है. उनके मुताबिक विनाशकारी सौर तूफान की आहट, जो अपने साथ सिर्फ़ और सिर्फ़ बर्बादी लेकर आएगी. वैज्ञानिकों का दावा है कि ये तूफान इतना ख़तरनाक होगा कि इससे होने वाली तबाही मानव सभ्यता को अंधकार युग में पहुंचा देगी. सेटेलाइट्स, पावर सप्लाई ब्लैकआउट के साथ ही फोन नेटवर्क भी इसकी चपेट में आ जाएंगे.
कुछ साल पहले यूएस जियोलॉजिकल सर्वे के शोधकर्ताओं ने भविष्यवाणी की थी कि सौर तूफान किसी भी समय दस्तक दे सकता है. इसी कड़ी में उन्होंने उदाहरण के तौर पर एक घटना का ज़िक्र किया जिसकी जांच के बाद अब उसे न्यूयॉर्क रेलरोड स्टॉर्म के रूप में जाना जाता है. 1921 में इस घटना के बाद पूर्वोत्तर संयुक्त राज्य के बड़े हिस्से को गहरे अंधेरे में डुबो दिया.
एस्ट्रोनॉमर्स ने कहा है कि इस घटना का दृश्य, आकाश में दिखने वाली आतिशबाज़ी सरीखा होगा. इस घटना को सीएमई यानि कोरोना मास इजेक्शन के रूप में जाना जाता है, सूरज नियमित रूप से ऐसे विस्फोट बाहर निकालता है. ये तूफान भी एक तारे से निकलने वाला विस्फोट ही है. तारे का नाम इ.के. ड्रैकोनिस रखा गया है. अगर ये तूफान धरती से टकराया तो भीषण तबाही निश्चित है. ऐसी घटना पहली बार 100 प्रकाश वर्ष दूर एक तारे की प्रणाली में देखी गई थी.
यूनिवर्सिटी ऑफ कोलोराडो बोल्डर के सह-लेखक डॉ युटा नॉटसू ने कहा “कोरोनल मास इजेक्शन का पृथ्वी और मानव समाज पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है.” विशेषज्ञों को डर है कि सदी के अंत तक एक भयावह सौर तूफान हमारे ऊपर आ जाएगा. वैज्ञानिको ने बताया कि सीएमई अक्सर तब होते हैं जब कोई तारा चमक और तेज विकिरण के साथ फटता है जो अंतरिक्ष में बहुत दूर तक फैल सकता है. एक अध्ययन के मुताबिक आकाशगंगा के चारों ओर युवा सूर्य जैसे तारे अक्सर ‘सुपरफ्लेयर’ का अनुभव करते हैं. डॉ नॉट्सू के मुताबिक सुपरफ्लेयर सूरज से दिखने वाली चमक से काफी बड़े होते हैं.