रक्षा मंत्रालय ने रक्षा उपकरणों के आयात पर लगाया प्रतिबंध
नई दिल्ली। भारत ने 351 रक्षा उपकरणों के आयात पर लगाया प्रतिबंध। इन उपकरणों में कई उप प्रणालियां और रक्षा उत्पादन के घटक शामिल हैं। अगले साल दिसंबर से शुरू होने वाली समय सीमा के तहत इन उपकरणों के आयात की अनुमति नहीं होगी।
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पिछले 16 महीनों में रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी की गई यह तीसरी सूची है। यह कदम भारत को सैन्य प्लेटफार्म और उपकरणों के उत्पादन का केंद्र बनाने के लक्ष्य के तहत उठाया गया है। इसके साथ ही मंत्रालय 2500 वस्तुओं की एक और सूची भी जारी कि जिनका पहले ही स्वदेशीकरण किया जा चुका है।
देश तेजी से आत्मनिर्भर बनने की ओर
मंत्रालय के अनुसार इन कदमों से आत्मनिर्भर बनने के लक्ष्य की ओर देश तेजी से आगे बढ़ रहा है और नई उपलब्धियां हासिल कर रहा है। मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि सैन्य साजो-सामान स्वदेशी हो चुके हैं। रक्षा उत्पादन में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए और आयात पर निर्भरता को कम करने के लिए मंत्रालय की ओर से लगातार सकारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं।
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89 उपकरणों के दूसरे सेट पर प्रतिबंध दिसंबर 2023 तक लागू किए जाएंगे। वहीं, 90 उपकरणों के तीसरे सेट के आयात पर दिसंबर 2014 तक प्रतिबंध लगा दिया जाएगा। बयान के अनुसार अगले तीन वर्षों में अभी तक आयात की जाने वाली इन 351 वस्तुओं का स्वदेशीकरण किया जाएगा। इसे लेकर रक्षा मंत्रालय की ओर से अधिसूचना सोमवार को जारी की गई ती। मंत्रालय के अनुसार 351 उपकरणों में से 172 वस्तुओं के पहले सेट पर अगले साल दिसंबर से प्रतिबंध लागू कर दिया जाएगा।
रक्षा मंत्रालय की ओर से आयात पर बैन वाले साजो-सामानों में लेजर चेतावनी सेंसर, हाई प्रेशर चेक वाल्व, हाई प्रेशर ग्लोब वाल्व, घुसपैठ का पता लगाने की प्रणाली, विभिन्न प्रकार के केबल, साकेट और आसलेटर शामिल हैं। उल्घ्लेखनीय है कि पिछले साल अगस्त में रक्षा मंत्रालय ने घोषणा की थी कि भारत 2024 तक 101 हथियारों और सैन्य प्लेटफार्मों जैसे परिवहन विमान, हल्के लड़ाकू हेलीकाप्टर, पारंपरिक पनडुब्बी, क्रूज मिसाइल और सोनार सिस्टम के आयात को पूरी तरह रोक देगा।