बच्चों को वैक्सीन लगवाने से पहले विशेष बातों का ध्यान !!!

भोपाल – नए साल की शुरूआत के साथ ही 15 वर्ष से 18 वर्ष तक के किशोरों को कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन लगना शुरू हो जाएगी। ऐसे में आपको भी अपने बच्चे को वैक्सीन लगवाने से पहले कुछ बातों पर विशेष ध्यान देना होगा। सरकार द्वारा बच्चों के वैक्सीनेशन के लिए युद्ध स्तर पर काम किया जा रहा है।
1 जनवरी से शुरू होगा ऑनलाइन – स्कूलों में 3 जनवरी से 15 से 18 वर्ष आयु वर्ग के 48 लाख किशोर-किशोरियों का वैक्सीनेशन शुरू होने जा रहा है। स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत आने वाले सभी हायर सेकण्डरी स्कूलों में 12 हजार स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की अनुभवी टीम टीकाकरण को अभियान की तर्ज पर अंजाम देगी। रोजाना प्रत्येक स्कूल केंद्र पर 150 से 200 छात्र-छात्राओं को कोवैक्सीन का पहला डोज लगाने का लक्ष्य रखा गया है। 1 जनवरी से ऑनलाइन-ऑफलाइन पंजीयन शुरू हो जाएगा।
मोबाइल नंबर नहीं तो भी परेशान ना हों छात्र – स्वास्थ्य और स्कूल शिक्षा विभाग ने 1 जनवरी से शुरू हो रहे पंजीयन को सुविधाजनक रखने पर ध्यान दिया है। ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह की व्यवस्था लागू रहेगी। छात्र-छात्राएं स्कूल में वैक्सीनेशन से पूर्व अपने माता-पिता, बड़े भाई-बहन के यूनिक मोबाइल नंबर से पंजीयन करवा सकते हैं। अगर मोबाइल या नंबर नहीं है तो वे 10वीं की अंकसूची या फिर स्कूल के आइडी के आधार पर मौके पर ही ऑफलाइन पंजीयन करवा सकते हैं। इस कार्य में वेरीफायर व वैक्सीनेटर हर तरह की मदद करेगा।
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बच्चे को खाली पेट ना भेजें – स्वास्थ्य विभाग ने जिला शिक्षा अधिकारियों और प्राचार्यों को निर्देशित किया है कि वे छात्र-छात्राओं और उनके माता-पिता के मन में आने वाले सभी प्रश्नों का समाधान करें। उन्हें समझाएं कि वैक्सीन के ऐसे कोई साइड इफेक्ट नहीं आए हैं।
वैक्सीन लगवाने में किसी तरह का दर्द नहीं होता। अगर बुखार जैसी कोई स्थिति बनती है तो केंद्र पर मौजूद ऑफिसर पैरासिटामोल आदि दवाइयां देगा। सबसे महत्वपूर्ण बच्चों को खाली पेट वैक्सीन लगवाने ना भेजें।
10वीं की अंकसूची या फिर स्कूल का आईडी कार्ड अवश्य साथ लाएं। , स्कूलों में कैंप लगाकर दिया जाएगा कोवैक्सीन का डोज… 28 दिन के अंतराल से लगेगा दूसरा डोज , 1 जनवरी 2007 के पहले जन्मे बच्चों को लगेगी वैक्सीन, इन्हें डोज लगने के बाद ३0 मिनट सेंटर पर ही रहना होगा।
कोई किशोर-किशोरी ना छूटे – 15 से 18 आयु वर्ग के किशोर-किशोरियों के वैक्सीनेशन के लिए जिलों में बच्चों की संख्या के अनुसार कार्ययोजना बनाई जा रही है। प्रदेश के सभी शासकीय स्कूल, अशासकीय स्कूल, अनुदान प्राप्त स्कूल, सीबीएसई स्कूल, केंद्रीय विद्यालय, जवाहर नवोदय विद्यालय, कन्या आश्रम, गुरुकुल, मदरसे, समस्त खेल अकादमियों तक पहुंचने का लक्ष्य है। केंद्र और राज्य सरकार की जिन संस्थाओं के अंतर्गत या अधिकार क्षेत्र में ये सभी स्कूल आते हैं, दिल्ली और भोपाल कार्यालयों में उनके अधिकारियों के साथ पत्र व्यवहार और ऑनलाइन बैठकें की जा रही हंै।
डीईओ, प्राचार्य-शिक्षकों को समझाने ऑनलाइन बैठकें – स्कूल शिक्षा विभाग मोबलाइजर का काम करेगा तो स्वास्थ्य विभाग शत-प्रतिशत वैक्सीनेशन में जुटेगा। इसके लिए जिला शिक्षा अधिकारियों, प्राचार्यों-शिक्षकों की ऑनलाइन बैठकें की जा रही हंै। वॉट्सएप-टेलीग्राम समूहों पर गाइडलाइन भी जारी की जा रही है। इन्हें अभिभावकों के साथ बेहतर समन्वय के लिए भी समझाया जा रहा है।