लखनऊ

सरोजनी नगर विकासखंड में सामुदायिक शौचालयों पर लटका ताला

लखनऊ, सरोजिनीनगर। देश-प्रदेश के सभी गांवों को खुले में शौच मुक्त करने के लिये केंद्र सरकार की देखरेख में सूबे की सरकार और उनके प्रशासनिक तंत्र ने स्वच्छ भारत मिशन अभियान तेजी से चलाया। यहां तक कि हर एक पंचायत में लाखों रुपये खर्च कर सामुदायिक शौचालयों का निर्माण करवाया गया ताकि कोई भी बाहर शौच न करे जिससे स्वच्छता मिशन बदस्तूर जारी रहे। मगर यूपी की बात करें तो राजधानी मुख्यालय से चंद किमी दूर सरोजनीनगर विकासखंड के गांव की बात करें तो यहां तो पूरी तस्वीर ही उल्टी है। जबकि हैरानी की बात यह है कि इस विधानसभा क्षेत्र की सदन में अगुवाई योगी सरकार की एक महिला मंत्री कर रही हैं और आये दिन वो विभिन्न सार्वजनिक कार्यक्रमों में जन-जन के बीच स्वच्छता का संदेश देती रहती हैं। बता दें कि विकासखंड सरोजिनी नगर भटगांव निवासी विनोद कुमार व आसपास के दर्जनों लोगों के मुताबिक गांव में जो सामुदायिक शौचालय बनाया गया था, वो हर रोज नहीं खुलता है। हफ्ता-दस दिन में कभी कभार खुलता है जिसके चलते दर्जनों लोग बाहर शौच के लिए जाते हैं। आगे बताया कि ये ऐसे लोग हैं जिनके पास खुद का शौचालय नहीं है। तरुणमित्र रिपोर्टर से अपनी मजबूरियों को साझा करते हुए बताया कि हम लोगों को शर्मिंदगी महसूस होती है जब हमारे घर की बहन-बेटियां बाहर शौच के लिए जाती हैं। कहा कि जब सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराया जा रहा था तब एक आस जगी थी कि अब बाहर शौच से छुटकारा मिलेगा, लेकिन यही आशा कुछ ही दिनों में निराशा में बदल गई जब शौचालय तैयार होने के बावजूद उस पर ताला लगा रहता है।
अन्य ग्रामीणों ने कहा कि इससे भी बदतर हालात पिपरसंड गांव मे बने सामुदायिक शौचालय का है। गांव वासियों की माने तो सामुदायिक शौचालय सिर्फ शोपीस के लिए बना हुआ है। कभी-कभार शौचालय का ताला खोल दिया जाता है और साफ-सफाई करके फिर से बंद कर दिया जाता है ऐसे ही ब्लॉक क्षेत्र के कई पंचायतों में आज भी शौचालयों पर ताला लटका हुआ है।
नदारद हुए शौचालयों के केयर टेकर
शासन ने सामुदायिक शौचालयों के रख रखाव व साफ सफाई की जिम्मेदारी का काम स्वयं सहायता समूह के द्वारा केयर टेकर नियुक्त किया था जिसके एवज में उसे 6 हजार रुपए प्रतिमाह वेतन भुगतान किया जाता है। बावजूद इसके स्वच्छ भारत मिशन को पलीता लगाने का काम किया जा रहा है। वहीं केयरटेकर की जिम्मेदारियों की बात करें तो प्रत्येक पंचायत में बनाए गए सामुदायिक शौचालयों पर तैनात केयरटेकर प्रतिदिन लगभग 2 बार शौचालय की सफाई करें। शौचालय में इस्तेमाल होने वाली सामग्री की व्यवस्था करें। उस परिसर को व्यवस्थित ढंग से स्वच्छ बनाए रखें, शिकायत रजिस्टर दुरुस्त करना इसके बावजूद और भी कई जिम्मेदारियां केयरटेकर की होती हैं।
बोलीं जिम्मेदार…
इस बारे में खंड विकास अधिकारी सरोजनीनगर नीति श्रीवास्तव का कहना रहा कि सामुदायिक शौचालयों की जिम्मेदारी केयरटेकर को दी गई। ताला क्यों नहीं खोला जाता है जांच कराई जाएगी जो केयरटेकर लापरवाही करते पाया गया उसे हटाकर दूसरा नियुक्त किया जाएगा।

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