लखनऊ

महंगाई व बढ़ते ठंड ने फीका किया स्टाल संचालकों का उत्साह

लखनऊ । राजधानी के गोमतीनगर स्थित रिवरफ्रन्ट पर 12 दिसम्बर से चल रहे सात दिवसीय भव्य मेले में शनिवार को आखिरी दिन वीकेंड पर तमाम लोग घूमते-फिरते दिखें। बता दें कि आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला में खाद्य सुरक्षा व औषधि प्रशासन विभाग, पर्यटन व संस्कृति विभाग तथा लखनऊ जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित लखनऊ कार्निवाल के अंतर्गत 12 से 18 दिसम्बर तक ईट राइट मेला लगाया गया। मेले का मुख्य आकर्षण प्रदेश के मशहूर व्यंजनों के स्टाल जिनमें स्टेट फूड,आर्गेनिक फूड के साथ ही एक जनपद-एक उत्पाद और स्वयं सहायता समूहों के विभिन्न स्टाल और कुकरी व बेकरी प्रतियोगिता, पीजीआई व केजीएमयू के विशेषज्ञों द्वारा पौष्टिक व प्रतिरोधक क्षमतावर्धक आहार पर कार्यशाला,चलती-फिरती मोबाइल वैन प्रयोगशाला से मिलावट की नि:शुल्क जांच, योग व एरोबिक्स शिविर,
नि:शुल्क कोरोना वैक्सीनेशन,नेत्र परीक्षण व शरीरिक स्वास्थ्य परीक्षण शिविर तथा सांस्कृतिक संध्या में विभिन्न रंगारंग कार्यक्रम है। जनसमान्य को उनकी जीवनशैली में दैनिक दिनचर्या पर सुधार लाने के उद्देश्य से इस मेले का थीम रखा गया। ऐसे ही मेले में तरूणमित्र संवाददाता ने पहुंचकर वहां के दुकानदारों से बात की। नरही निवासी देवतादीन झूला संचालक ने बताया कि वह 12 सालों से बच्चों का झूला लगाने का काम कर रहे हैं, यहां 30 रुपए में 10 मिनट बच्चों को झुलाते हैं। लेकिन अब ठंड की वजह से लोग बच्चों को ज्यादा झूला नहीं झूला रहे। वहीं एक और झूला संचालक आलोक ने कहा कि अभी तक माल की ढुलाई का खर्चा भी नहीं निकला। यहां लाइट नहीं मिल रही है जिससे काफी नुकसान हो रहा है,लखनऊ में हुनर हॉट में भी हमें जगह नहीं मिली थी। बताया कि लक्ष्मण मेला मैदान में माघ मेले का 17 नवम्बर को 1 करोड़ 65 लाख रुपए का टेंडर हुआ था, जिसमें ठेकेदार 100 रुपए की सेल पर 70 रुपए लेते थे और 30 रुपए हमें मिलते थे। आलोक ने बताया कि झूले लगाने के लिए अब तक नगर निगम से लाइसेंस नहीं मिला है जगह-जगह धक्के खाने पड़ रहे हैं। कहा कि जनेश्वर मिश्रा पार्क में झूला लगाने के आवेदन दिया था पर सुनवाई नहीं हुई। ईट राइट मेले में झूले पर बच्चे नहीं आ रहे मेला बहुत फीका जा रहा है, लेकिन यहां लेबर को 400 से 450 रोज का देना ही पड़ रहा है।

खाली रह गये झूले, फीकी रही सेल
मेले में खुर्जा पोर्टी नाम से चीनी बर्तन की दुकान लगाये अनस ने बताया जिला बुलंदशहर से आए है,यहां बिक्री ठीक है अच्छा लग रहा है,हमारे पास घरेलू इस्तेमाल की सभी चींजे मौजूद है। वही मुरैना मध्य प्रदेश से आए गजक दुकानदार आशीष ने बताया कि हमारे पास मुरैना की मशहूर गुड़ गजक, समोसा, गुड़ काजू पपड़ी, चीनी काजू पपड़ी, चीनी गजक रोल, सादी गजक जोकि 400 से 700 किलो तक है। वहीं एक हर्बल कम्पनी हरिद्वार से आए सुरेन्द्र कुमार रावत ने बताया कि यहां बहुत अच्छा लग रहा है काफी बिक्री हो रही है। हमारे पास दैनिक जीवन में उपयोग होने वाली सभी वस्तुएं तथा दवाएं मौजूद है और यह सब पूरी तरह हर्बल प्रोडेक्ट है। मेले में मौजूद एसए सिद्दीकी ने बताया कि वह सहारनपुर से आए है। आगे कहा कि यह मेरा अपना खुद का निर्माण है, लकड़ी से बने घरेलू उपयोग की सभी वस्तुएं बनाते है जिसमें किचन में इस्तेमाल की जाने वाली चीजें और बच्चों के आर्कषक खिलौने तथा घरों में सजावट के लिए बहुत सारी चींजे है। बताया कि काफी अच्छी बिक्री हो रही है। ईट राइट मेले में चाय,बंद मक्खन,भेलपुरी तथा स्नैकस का ठेला लगाये श्याम ने बताया कि मेला बहुत फीका जा रहा है कस्टमर बहुत कम आ रहे है ज्यादा बिक्री नहीं हो रही है। रितेश कुमार तिवारी जोकि मेले में लाइट की पूरी व्यवस्था देख रहे हंै ने कहा कि अवस्थी सॉग सर्विस को मेले की लाइट व्यवस्था की जिम्मेदारी दी गई है। यहां शाम 6 से 10 बजे तक सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं, जिसमें शहरवासियों की ठीक-ठाक संख्या होती नजर आयी।

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