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पंजाब में नियमित होंगे 4 हजार से ज्यादा ‘सफाई सेवक’

चंडीगढ़. मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई कैबिनेट बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए. इनमें पंजाब में ‘सफाई सेवकों’ की सेवाओं को नियमित करने और बिजली के बकाया बिल माफ करने जैसी बातें शामिल रहीं. इसके अलावा कैबिनेट ने कपास की फसल के नुकसान पर राहत राशी को 12 हजार रुपये से बढ़ाकर 17 हजार रुपए प्रति एकड़ करने को भी मंजूरी दे दी है. सरकारी बयान के अनुसार, यह राहत राशी 1 जून 2021 से लागू हो जाएगी.

आधिकारिक बयान के अनुसार, ‘सफाई सेवकों’ और सीवरमैन को नियमित करने के फैसले का फायदा 4 हजार 587 संविदा कर्मचारियों को मिलेगा, जो शहरी निकाय विभाग में काम कर रहे हैं. बयान में कहा गया है कि इन कर्मचारियों को नियमित करने के साथ ही सरकार पर प्रोबेशन के शुरुआती तीन सालों के दौरान करीब 46 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. आगे बताया गया कि प्रोबेशन की अवधि के बाद तनख्वाह में हर साल बढ़त और दूसरे भत्ते भी दिए जाएंगे, जिनका खर्च शहरी निकाय उठाएंगे.
कैबिनेट ने राज्य के 500 करोड़ रुपये बकाया पानी के बिलों को माफ करने का फैसला लिया. सरकार की तरफ से लिए गए फैसले के अनुसार, ग्रामीण उपभोक्ताओं के 256.97 करोड़ रुपये और शहरी उपभोक्ताओं को 17.98 करोड़ रुपये के बिल माफ किए जाएंगे. साथ ही ग्राम पंचायत और समितियों की तरफ से चलाई जा रही जल आपूर्ति योजनाओं के भी 224.55 करोड़ रुपये माफ होंगे.
साथ ही कैबिनेट ने दिसंबर के बजाए नवंबर से ही बिजली की दरें 3 रुपये प्रति यूनिट करने का फैसला लागू करने का फैसला किया. राज्य सरकार ने पहले घोषणा की थी कि 7 किलोवॉट तक स्वीकृत लोड वाले उपभोक्ताओं के टैरिफ में 3 रुपये प्रति यूनिट कम किए जाएंगे. इससे सरकार पर 151 करोड़ रुपये का अतिरिक्त आर्थिक बोझ आएगा. हालांकि, बयान के अनुसार, इससे करीब 71.75 लाख में से करीब 69 लाख उपभोक्ताओं को फायदा मिलेगा.
कैबिनेट ने पंजाब अपार्टमेंट एंड प्रॉपर्टी रेग्युलेशन एक्ट के संबंध सेक्शन में नया नियम शामिल करने का फैसला किया है. जिसके तहत अनधिकृत कॉलोनियों और प्लॉट को नियमित किया जाएगा. कैबिनेट ने जलंधर में दो निजी स्कूलों के निर्माण की भी अनुमति दी है.

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