फर्श पर बैठकर खाने से हड्डियों से लेकर डाइजेशन तक रहता है ठीक
: जमीन पर बैठकर खाने से सेहत को कई तरह के फायदे मिलते हैं. अगर फर्श पर बैठकर रेग्युलर भोजन किया जाए तो बॉडी पोश्चर सही होता है और पाचन तंत्र भी बेहतर तरीके से काम करता है. आयुर्वेद में भी यह बताया गया है कि भोजन आसन की मुद्रा में बैठकर ही करना चाहिए. वेलएंडगुड के मुताबिक, आयुर्वेद में यह बताया गया है कि जब हम आगे की ओर झुक कर खाने को मुंह में लेते हैं तो हमारा गट खाने का सही जगह पहुंचाने में बेहतर तरीके से काम करता है. इसके अलावा यह बॉडी पोश्चर को ठीक रखने, मांसपेशियों को मजबूत बनाने और ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर रखने में भी मदद करता है. तो आइए जानते हैं कि जमीन पर बैठकर खाने से हमें क्या क्या फायदा मिलता है.
जमीन पर बैठकर खाने के फायदे
-जब आप जमीन पर बैठकर खाते हैं तो आपको लगातार आगे की तरफ झुकना पड़ता है जिससे शरीर का ब्लड सर्कुलेशन ठीक तरीके से काम करता है. इस वजह से हार्ट को ब्लड पंप करने में कम मेहनत करनी पड़ती है.जमीन पर बैठकर खाने से रीढ़ की हड्डी के निचले भाग पर जोर पड़ता है और यहां की मसल्स भी मजबूत बनती है. इससे शरीर को आराम पहुंचता है.-जब हम फर्श पर बैठकर खाते हैं तो घुटने मोड़ने पड़ते हैं. यह घुटनों की बेहतरीन एक्सरसाइज होती है. इस तरह बैठने से जोड़ों के दर्द में भी राहत मिलती है.-हार्ट पेशेंट के लिए भी जमीन पर बैठकर खाना हेल्दी माना जाता है. जब जमीन पर बैठकर खाया जाता है तब खून का संचार दिल तक आसानी से होता है जिससे किसी तरह की समस्या नहीं होती.-जब हम कुर्सी पर बैठकर खाते हैं तो हिप्स टाइट और स्ट्रॉग हो सकते हैं जबकि जमीन पर बैठकर खाने से हिप्स के फ्लेक्सर्स को आसानी से स्ट्रैच सकते हैं.-जमीन पर बैठकर खाने से पेट की मांसपेशियां लगातार एक्टिव रहती हैं. इससे डाइजेशन अच्छा होता है और भूख भी अच्छी लगती है.-जमीन पर इस तरह बैठना एक आसन की मुद्रा होती है. इसे सुखासन या पद्मासन की मुद्रा कहा जाता है. इन दोनों ही आसनों से एकाग्रता बढ़ती है और स्ट्रेस दूर होता है.