सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में राज्य सचिवालय में हुई प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में 28 प्रस्तावों पर मुहर लगी। प्रदेश मंत्रिमंडल ने उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम को समाप्त करने को मंजूरी दे दी। अब विधानसभा में सरकार विधेयक समाप्त करने के लिए चारधाम देवस्थानम प्रबंधन निरसन विधेयक 2021 लाएगी। विधेयक आगामी विधानसभा सत्र में आएगा। , बैठक में 28 प्रस्तावों पर मुहर लगी सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में राज्य सचिवालय में हुई प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में 28 प्रस्तावों पर मुहर लगी। कैबिनेट के फैसले के अनुसार शहरी क्षेत्रों में नजूल भूमि पर कब्जेदारों को 300 वर्ग मीटर तक ही फ्री होल्ड की मंजूरी दी जाएगी।
- पट्टे पर आवंटित पूरी नजूल भूमि को फ्री होल्ड कराया जा सकेगा। इसके लिए नौ नवंबर 2011 की कट ऑफ डेट तय की गई है। यानी इस तिथि तक जो लोग नजूल भूमि पर काबिज हैं, उन्हें ही नियमितीकरण के नियमों का लाभ मिलेगा। जिन कब्जेदारों ने पूर्व में आवेदन किए हैं, उनसे तत्कालीन समय में लागू भूमि के सर्किल दरों के आधार पर नियमितीकरण का शुल्क लिया जाएगा। नए आवेदनों पर सर्किल रेट की मौजूदा दरें लागू होंगी। समय सीमा के तहत फ्री होल्ड की कार्रवाई नहीं होगी, तो संबंधित नोडल अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई होगी। सरकार इसके लिए विधानसभा में उत्तराखंड नजूल भूमि प्रबंधन व्यवस्थापन एवं निस्तारण विधेयक 2021 लाएगी। ये विधेयक नौ दिसंबर से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में लाया जाएगा।
प्रदेश की पहली निर्यात नीति को मंजूरी – कैबिनेट ने प्रदेश की पहली निर्यात नीति को भी मंजूरी दी है। नीति के तहत हर सरकार ने निर्यात के लक्ष्य को अगले पांच साल में 16 हजार करोड़ से बढ़ाकर 30 हजार करोड़ तक करने का लक्ष्य रखा है। नीति के तहत निर्यातकों को विपणन, अनुसंधान, उत्पादों के प्रमाणीकरण में छूट मिलेगी। प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों की बाह्य रोगी उपचार (ओपीडी) में निशुल्क दवाइयां अनिवार्य रूप मिलेंगी। यदि चिकित्सक बाहर से दवाई लिखेंगे तो उन्हें इसका वाजिब कारण बताना होगा। कैबिनेट में इस प्रस्ताव पर मुहर लगी।
अतिथि शिक्षक नहीं हटेंगे, पॉलिटेक्टिनक – प्रदेश के सरकारी स्कूलों में नए शिक्षकों की तैनाती के बावजूद अतिथि शिक्षकों को नहीं हटाया जाएगा। कैबिनेट ने प्रस्ताव को मंजूरी दी। कैबिनेट ने राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेजों में 2018 को हटाए गए संविदा प्रवक्ताओं की संविदा पर वापसी के प्रस्ताव पर भी मुहर लगाई। प्रदेश सरकार में तैनात पति या पत्नी कर्मचारी सरकारी आवास में एक साथ रह रहे हैं तो दोनों में से एक को मकान किराया भत्ता मिलेगा। प्रदेश मंत्रिमंडल ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दी। जल जीवन मिशन के तहत शहरी क्षेत्रों में जिन गरीबी की रेखा नीचे जीवन यापन कर रहे परिवारों(बीपीएल) के भवन 100 वर्ग मीटर एरिया में हैं, उन्हें 100 रुपये पानी का कनेक्शन मिलेगा। कैबिनेट ने इस प्रस्ताव मंजूरी दी।
औद्योगिक क्षेत्रों में निर्माण के लिए ढील – कैबिनेट ने राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण के तहत पर्वतीय और मैदानी क्षेत्रों के औद्योगिक क्षेत्रों में निर्माण के मानकों में ढील दी है। पर्वतीय क्षेत्र में भूखंड के मानक 300 वर्ग मीटर से घटाकर 200 वर्ग मीटर और मैदानी क्षेत्र में 400 से घटाकर 300 वर्ग मीटर होंगे। औद्योगिक क्षेत्रों में मार्ग के मानकों में भी बदलाव किया गया है।
कैबिनटे के प्रमुख फैसले
– हरिद्वार में पंचायतों में तैनात प्रशासक का कार्यकाल छह महीने बढ़ेगा, सरकार लाएगी पंचायती राज संशोधन विधेयक 2021।
– सिंगल विंडो सिस्टम के तहत सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) के 50 करोड़ रुपये निवेश तक प्रस्ताव को मंजूरी दी जाएगी। अभी तक जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित को 10 करोड़ के निवेश तक की मंजूरी का अधिकार है।
– काशीपुर में 2500 करोड़ के निवेश से बनेगा इलेक्ट्रानिक पार्क, पार्क बनाने के लिए उद्योग विभाग की 133.8 एकड़ भूमि सिडकुल को दी जाएगी।
– परिवहन निगम के लिए अधीनस्थ चयन आयोग से चयनित 24 कर्मचारियों को अन्य विभागों में समायोजित किया जाएगा।
– कार्बेट पार्क कोविडकाल में बुकिंग रद करने पर रिफंड मिलेगा, रिफंड नीति को मंजूरी।
– देहरादून-ऊधमसिंह नगर में वाहन फिटनेस टेस्टिंग सेंटर प्राइवेट सेक्टर में दिया जाएगा।
– नैनीताल में निजी क्षेत्र में आम्रपाली विवि खोलने को मंजूरी।
– 1 जनवरी 2020 से 30 जून 2021 के बीच सेवानिवृत कार्मिकों के महंगाई भत्ता को ग्रेच्यूटी एवं अवकाश नकदीकरण का भुगतान व 28 प्रतिशत महंगाई भत्ते को देने का निर्णय लिया गया।
– परफार्मेंस गारंटी कम सिक्योरिटी डिपाजिट की दरों में कमी करने का निर्णय।
– विदेशी मदिरा के बॉटलिंग प्लांट तथा बियर उत्पादन वैट प्रति पूर्ति की अधिकतम सीमा का निर्धारण।
– उत्तराखंड पशुपालन विभाग (प्रयोगशाला सहायक) सेवा नियमावली 2021 को मंजूरी।
– राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना के तहत राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम से उपलब्ध ऋण की राशि पर 256 दिनों के ब्याज को सरकार वहन करेगी।
– सकल घरेलू उत्पाद के समान सकल पर्यावरणीय उत्पाद का आंकलन करने का निर्णय।
– परिवहन विभाग में देहरादून, ऊधमसिंह नगर में आटोमेटिक वाहन फिटनेस टेस्टिंग सेंटर को निजी क्षेत्र से संचालित करने का निर्णय।
– उत्तराखंड जमींदारी विनाश भू-व्यवस्था नियमावली में संशोधन का निर्णय।
– राज्य सरकार योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए एएनआई को अधिकृत करने की मंजूरी।
प्रदेश में गेस्ट टीचरों के पदों को खाली न माने जाने के कैबिनेट के फैसले के बाद भी कुछ गेस्ट टीचरों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। इससे गेस्ट टीचरों में नाराजगी है। उनका कहना है कि सरकार ने यदि उनके सुरक्षित भविष्य के लिए कोई ठोस कदम न उठाया तो संगठन इसके विरोध में आंदोलन को बाध्य होगा। अतिथि शिक्षक संघ के प्रदेश महामंत्री दौलत जगुड़ी के मुताबिक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पहली कैबिनेट में गेस्ट टीचरों के हित में तीन बड़े फैसले लिए गए थे। कैबिनेट में प्रस्ताव पास किया गया कि गेस्ट टीचरों का मानदेय 15 हजार रुपये से बढ़ाकर 25 हजार रुपये किया जाएगा। उनके पदों को खाली नहीं माना जाएगा। इसके अलावा उनकी गृह जिलों में तैनाती की जाएगी, लेकिन अब तक तीन में से मात्र एक फैसले पर अमल हुआ है। गेस्ट टीचरों का मानदेय 15 हजार रुपये से बढ़ाकर 25 हजार रुपये किया गया। जबकि अन्य दो प्रस्तावों पर अमल नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि गेस्ट टीचरों के पद खाली न माने जाने के कैबिनेट के फैसले के बावजूद उत्तरकाशी और पौड़ी में कुछ गेस्ट टीचरों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। नियमित नियुक्ति के शिक्षक आने से उनकी सेवाएं समाप्त की गई। अतिथि शिक्षक संगठन के पूर्व अध्यक्ष राजेश धामी ने कहा कि वर्तमान में एलटी पदों पर वेटिंग लिस्ट से नियुक्ति हो रही हैं। जिससे गेस्ट टीचर प्रभावित हो रहे हैं। पौड़ी जिले के बीरोंखाल ब्लॉक में अतिथि शिक्षक की जगह नियमित शिक्षक की तैनाती कर दी गई है। इसके अलावा उत्तरकाशी के नौगांव और चमोली जिले में भी गेस्ट टीचरों की सेवाएं प्रभावित हुई हैं।