मंडरा रहा दुनिया पर बड़ा खतरा!

इस्लामाबाद: भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम की आतंकवादी संगठनों से सांठगांठ और पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की कालाबाजारी परमाणु वैज्ञानिक एक्यू खान के लिए 2009 में मुंबई में 26/11 हमलों के बाद अमेरिकी सीनेट की सुनवाई में चिंता का विषय बन गई. उस समय की सुनवाई के दौरान, अमेरिकाके लिए मुंबई हमलों से सबक पर सीनेटर जॉन मैक्केन ने कहा, ‘ये एक खतरा है कि पाकिस्तान के भीतर आतंकवादी संगठन परमाणु हथियार पाने में सक्षम हो सकते हैं. हम सभी जानते हैं कि पाकिस्तान के पास परमाणु हथियार हैं.’!
‘मुझे लगता है कि ये एक वास्तविक चिंता है. हमें पाकिस्तानी अधिकारियों से नियमित रूप से आश्वासन मिलता रहता है कि उनके पास परमाणु हथियार कड़े नियंत्रण में हैं, लेकिन चिंता की बात तो है.’
उन्होंने कहा, ‘जब हम दाऊद इब्राहिम और आतंकवादी संगठनों के बीच पाकिस्तान में गठजोड़ और उस कालाबाजारी को देखते हैं जो एक्यू खान के माध्यम से पाकिस्तान के अपने परमाणु कार्यक्रम का समर्थन करने के लिए बनाए गए थे, मेरा मतलब है, ये कनेक्शन का एक सेट है. संगठित अपराध, सरकारी प्राधिकरण और आतंकवादी संगठन अगर सामूहिक विनाश की राह पर चले जाते हैं तो बड़े पैमाने पर वित्त और वास्तविक चिंताओं की संभावना बढ़ा देते हैं.’
काउंटर टेररिज्म एक्सपर्ट ने कहा कि मैं खतरे को बढ़ा-चढ़ाकर पेश नहीं करना चाहता क्योंकि मैं अभी भी मानता हूं कि आतंकवादियों को कुछ ज्यादा तकनीकी रूप से चुनौतीपूर्ण चीजों को करने का प्रयास किए बिना कम तकनीकी चीजें ही करने से जबरदस्त लाभ मिलता है. उदाहरण के तौर पर मुंबई हमले को लिया जा सकता है. जैसा कि मैंने पहले उल्लेख किया गया है, मूल रूप से छोटी-इकाई वाली पैदल सेना की रणनीति का एक उदाहरण है, जिसने 3 दिनों के भीतर 2 करोड़ लोगों के शहर को पंगु बना दिया.