धर्म - अध्यात्म

क्यों ईशनिंदा विरोधी कानून का विरोध ? कईयों ने उठाई आवाज

नई दिल्ली:ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड द्वारा ईशनिंदा विरोधी कानून बनाने की मांग के कुछ दिनों बाद गीतकार-कवि जावेद अख्तर और अभिनेता नसीरुद्दीन शाह समेत कई लोगों ने इस मांग का कड़ा विरोध किया है। उनका कहना है कि एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र में ईशनिंदा को अपराध घोषित करने वाले कानून के लिए कोई जगह नहीं हो सकती।

इस हफ्ते की शुरुआत में, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने कुछ शरारती व्यक्तियों द्वारा पैगंबर मुहम्मद के किए गए अपमान की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित किया था और अफसोस जताया कि कोई भी सरकार इस मामले में ठोस कदम उठाने में विफल रही। इसके बाद बोर्ड ने सरकार से पवित्र शख्सियतों का अनादर करने वालों को सजा देने और इस मुद्दे से निपटने के लिए एक कानून की मांग की थी।

इंडियन मुस्लिम फॉर सेक्युलर डेमोक्रेसी ने एक बयान में कहा, “वह भारत में ईशनिंदा विरोधी कानून के लिए एआईएमपीएलबी और कुछ अन्य संगठनों की असंवैधानिक मांग का कड़ा विरोध करता है।” बयान में कहा गया, “हम हिंदुत्व की कुछ नफरत फैलाने वाली फैक्ट्रियों के लगातार प्रयासों की निंदा करते हैं जो इस्लाम और मुसलमानों को बदनाम करने के लिए समयोपरि काम कर रही हैं।”

हालांकि, आईएमएसडी इस सिद्धांत का पूरी तरह से समर्थन करता है कि एक धर्मनिरपेक्ष राज्य में ईशनिंदा को अपराध करने वाले कानून के लिए कोई जगह नहीं हो सकती है। इसमें कहा गया है कि IMSD के बयान का लगभग 400 “धर्मनिरपेक्ष भारतीयों” ने समर्थन किया है। बयान पर हस्ताक्षर करने वालों में अख्तर, शाह, अभिनेता शबाना आजमी, फिल्म निर्माता आनंद पटवर्धन और फिल्म लेखक अंजुम राजाबली शामिल हैं।

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