हरी आंखों वाली अफगानी लड़की को इस देश में मिली पनाह

शरबत गुला के पति की मौत हो गई है और वह चार बच्चों की मां हैं. इस साल अगस्त में विदेशी सैनिकों के अफगानिस्तान छोड़कर जाने के बाद उन्होंने भी परिवार सहित देश छोड़ दिया. अब वह इटली में रह रही हैं. इटली की सरकार ने गुरुवार को बताया कि शरबत गुला को पश्चिमी देशों के निकासी अभियान के तहत यहां लाया गया है. शरबत गुला के पति की मौत हो गई है और वह चार बच्चों की मां हैं. इस साल अगस्त में विदेशी सैनिकों के अफगानिस्तान छोड़कर जाने के बाद उन्होंने भी परिवार सहित देश छोड़ दिया. अब वह इटली में रह रही हैं. इटली की सरकार ने गुरुवार को बताया कि शरबत गुला को पश्चिमी देशों के निकासी अभियान के तहत यहां लाया गया है.
शरबत गुला की 1985 की नेशनल ज्योग्राफिक पर छपी तस्वीर मैगजीन के इतिहास का सबसे प्रसिद्ध कवर बन गई. 17 साल की खोज के बाद, फोटोग्राफर स्टीव मक्करी ने 2002 में गुला को एक दूरस्थ अफगान गांव में पाया. उस वक्त उनकी तीन बेटी थीं और पति बेकर का काम कर रहे थे. हेपेटाइटिस सी से पीड़ित शरबत गुला ने अब मीडिया को बताया है कि उनके पति का कई साल पहले निधन हो गया था.
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काबुल. अफगानिस्तान की हरी आंखों वाली एक लड़की की तस्वीर ने एक समय में दुनिया को हिलाकर रख दिया था. इस लड़की की आंखों में तालिबान की दहशत और क्रूरता झलकती थी. वो लड़की अफगानिस्तान की विभीषिका की निशानी बन गई. 1985 में नेशनल ज्योग्राफिक मैगजीन के कवर पर शरबत गुला नाम के लड़की की तस्वीर प्रकाशित हुई थी. तालिबान के सत्ता में आने के बाद शरबत ने देश छोड़ दिया था. कई सालों तक वह पाकिस्तान के शरणार्थी शिविर में रही. अब उसे इटली में आश्रय मिल गया है.
shशरबत गुला तब महज 12 साल की थीं, जब पाकिस्तान के शरणार्थी शिविर में एक फोटोग्राफर ने उनकी ये तस्वीर ली. पूरी दुनिया की नजर उनकी हरी आंखों पर आकर टिक गईं. मशहूर होने के कुछ साल बाद 2016 में शरबत को पाकिस्तान में गिरफ्तार कर लिया गया. उनपर फर्जी पहचान पत्र के साथ देश में रहने का आरोप लगा और वापस युद्धग्रस्त देश अफगानिस्तान भेज दिया गया. तब से वह वहीं रह रही थीं. लेकिन जब तालिबान ने देश पर एक बार फिर कब्जा किया, तो शरबत ने भी एक बार फिर अफगानिस्तान छोड़ दिया.
शरबत गुला के पति की मौत हो गई है और वह चार बच्चों की मां हैं. इस साल अगस्त में विदेशी सैनिकों के अफगानिस्तान छोड़कर जाने के बाद उन्होंने भी परिवार सहित देश छोड़ दिया. अब वह इटली में रह रही हैं. इटली की सरकार ने गुरुवार को बताया कि शरबत गुला को पश्चिमी देशों के निकासी अभियान के तहत यहां लाया गया है.
प्रधानमंत्री मारियो द्रागी के कार्यालय ने बताया कि शरबत से इटली से शरण देने की अपील की थी। इटली सरकार अब उन्हें देश में रहने के लिए जरूरी सुविधाएं और अन्य चीजें देगी. साथ ही उन्हें इटली के समाज में रहने का तरीका भी बताएगी.
शरबत गुला की तस्वीर पत्रकार स्टीव मक्करी ने ली थी. नेशनल ज्योग्राफिक ने उस समय कहा था, एक एफबीआई विश्लेषक, फोरेंसिक मूर्तिकार और एक इन्वेंटर ने उनकी पहचान की पुष्टि की थी. 2014 में वह पाकिस्तान में सामने आईं, लेकिन जल्द ही छिप गईं, जब अधिकारियों ने उनपर देश में रहने के लिए नकली पाकिस्तानी पहचान पत्र खरीदने का आरोप लगाया.
उन्हें 2016 में गिरफ्तार किया गया और एक पाकिस्तानी अदालत ने वापस अफगानिस्तान भेजने का आदेश दिया. चार बच्चों की अनपढ़ मां शरबत अब 49 साल की हो चुकी हैं. उन्हें 15 दिन जेल और 110,000 पाकिस्तानी रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई थी.
शरबत गुला और उनके चार बच्चों को पेशावर में पाकिस्तान से लगभग 37 मील उत्तर पश्चिम में तोरखम सीमा के पार अफगान अधिकारियों को सौंप दिया गया था. घटनास्थल पर मौजूद दो सीमा शुल्क अधिकारियों के अनुसार, वह दुखी दिख रही थीं. वहां से उन्हें काबुल ले जाया गया, जहां तत्कालीन राष्ट्रपति अशरफ गनी और उनकी पत्नी रूला ने राष्ट्रपति महल में शरबत के लिए एक स्वागत समारोह की मेजबानी की और एक नए घर की चाबी सौंपी.
‘जो सुंदरता, तेज उसने चेहरे पर दिख रहा था, उसने लाखों दिलों को जीत लिया. यह 1980 के दशक और 1990 के दशक तक की सबसे प्रसिद्ध तस्वीरों में से एक बन गई. उनका स्वागत करना मेरे लिए सौभाग्य की बात है. हमें यह देखकर गर्व होता है कि वह अपनी मातृभूमि पर गरिमा और सुरक्षा के साथ रह रही हैं.’