सबसे अधिक मुस्लिम आबादी वाला देश में ज्यादातर लोग भगवान राम के भक्त

इंडोनेशिया : इंडोनेशिया दुनिया की सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाला देश है. यहां दुनियाभर के 12.7% मुसलमान रहते हैं. इंडोनेशिया के बाद पाकिस्तान में 11% मुसलमान रहते हैं. वैसे तो माना जाता है कि हिंदू धर्म के लोग ही भगवान राम को मानते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया की सबसे अधिक मुस्लिम आबादी वाला देश होने के बाद भी इंडोनेशिया में अधिकतर लोग भगवान राम के भक्त हैं?
यह बात सुनकर आपको जरूर हैरानी हुई होगी, लेकिन यह बात पूरी तरह सच है कि इंडोनेशिया की ज्यादातर आबादी राम भगवाग की भक्त है और उनकी पूजा-अर्चना करती है. मुस्लिम बाहुल्य देश होने के बाद भी इंडोनेशिया की अधिकतर आबादी राम भगवान में आस्था रखती है तथा भगवान राम को अपना नायक मानती है. आपको जानकर आश्चर्य होगा कि इस देश में ‘रामायण’ को ‘महत्वपूर्ण ग्रंथ’ माना जाता है.
इंडोनेशिया के ज्यादातर लोग रामायण को अपने दिल के सबसे करीब मानते हैं. यहां राम कथा को काकावीन या ककनिन रामायण के नाम से जाना जाता है. हालांकि जहां एक तरफ भारत में रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मिकी को माना जाता है. वहीं इंडोनेशिया में ककनिन रामायण के रचयिता कवि योगेश्वर को माना जाता है. यहां ककनिन रामायण एक विशाल ग्रंथ है. इंडोनेशिया के ककनिन रामायण में 26 अध्याय हैं.
ककनिन रामायण में राम भगवान के पिता का नाम दशरथ नहीं बल्कि विश्वरंजन है. इंडोनेशिया के रामायण की शुरुआत भगवान राम के जन्म से होती है. वहीं विश्वामित्र के साथ भगवान राम तथा लक्ष्मण के वन प्रस्थान में ॠषिगणों द्वारा मंगलाचरण किया जाता है. ककनिन रामायण के अनुसार, भगवान राम के जन्म के दौरान इंडोनेशिया का वाद्य यंत्र ‘गामलान’ बजता है.
आपको जानकर हैरानी होगी कि करीब 23 करोड़ की मुस्लिम आबादी वाले देश इंडोनेशिया की सरकार ने साल 1973 में एक अंतरराष्ट्रीय रामायण सम्मलेन का आयोजन करवाया था. दुनियाभर में इस आयोजन की काफी चर्चा हुई थी, क्योंकि अपने आप में यह काफी अनोखा आयोजन था. यह दुनिया में पहली बार हुआ था, जब खुद को मुस्लिम राष्ट्र घोषित किए हुए किसी देश ने किसी अन्य धर्म के धर्मग्रन्थ के सम्मान में ऐसा बड़ा आयोजन किया था.
इंडोनेशिया और भारत के रामायण में एक खास अंतर यह भी है कि जहां भारत में राम का जन्म अयोध्या में हुआ था, वहीं इंडोनेशिया में राम की नगरी ‘योग्या’ के नाम से जानी जाती है. आज भी इंडोनेशिया में रामायण का उतना ही गहरा प्रभाव है. देश के ज्यादातर इलाकों में ककनिन रामायण के अवशेष तथा पत्थरों पर रामकथा के चित्रों की नक्काशी आसानी से मिल जाएगी.