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लोगों ने सरकार को घेरा

फर्रुखाबाद में युवाओं और महिलाओं से संवाद के बाद ‘अमर उजाला’ का चुनावी रथ ‘सत्ता का संग्राम’ लालगेट स्थित रोडवेज बस स्टेशन पहुंचा। ‘चाय पर चुनावी चर्चा’ के दौरान लोगों ने खुलकर चुनावी मुद्दों पर बात की। ऐतिहासिक और धार्मिक रूप से समृद्ध फर्रुखाबाद के लोगों ने ‘चाय पर चुनावी चर्चा’ के दौरान खुलकर अपनी बात रखी। इस दौरान किसी ने योगी सरकार की तारीफ में कसीदे पढ़े तो किसी ने वर्तमान सरकार की कमियां गिनाईं।

 जाम, ओवरब्रिज और सड़क का मुद्दा – संजय गर्ग नाम के एक व्यक्ति ने कहा कि विकास के नाम पर फर्रुखाबाद बिल्कुल पिछड़ा है। यहां सबसे बड़ी व पहली समस्या जाम की है। दूसरे समस्या ओवरब्रिज की है। सीवर लाइन की समस्या है। सड़कें चौड़ी नहीं हैं। वहीं, आलोक राय ने भी गर्ग की बातों पर सहमति जताई। उन्होंने कहा कि वाकई यहां जाम की समस्या सबसे बड़ी है। त्रिपुलिया चौक का नाम लेते हुए उन्होंने कहा कि यह चौक राजनीतिक लिहाज से भी अहम है लेकिन हमेशा वहां जाम लगा रहता है। उधर, समरपाल सिंह यादव ने रोड का मुद्दा उठाया। वहीं, राजेश कुमार ने कहा कि फर्रुखाबाद में विकास नाम का कोई चीज नहीं है। जो वादा किया गया था वो दिख नहीं रहा। यहां रोजगार के लाले हैं। वहीं, संजय गर्ग ने कहा कि हां, इस सरकार में बिजली के मामले में काफी काम हुआ है। गुंडों पर लगाम लगा है। पहले से गुंगागर्दी कम है। ये काम योगी सरकार में हुआ है।

सौरव मिश्रा ने कहा कि रोड पर कई बड़े लोगों के मकान है। सरकार हटाने की कोशिश करती है तो यही लोग विरोध करते हैं। दोनों कैसे होगा। सरकार अगर अतिक्रमण हटाने का काम करेगी तो ये लोग ही मना करेंगे, विरोध प्रदर्शन करेंगे, ऐसे में जाम की समस्या कैसे दूर होगी। उन्होंने कहा कि मकान भी न टूटे और जाम पर भी निजाद हो…ये दोनों कैसे संभव है। अतिक्रमण हटाने के लिए सरकार ने कई बार कदम उठाए हैं, लेकिन फिर सबलोग इकट्ठा हो जाते हैं और विरोध करने लगते हैं। सौरव ने कहा कि दोनों ओवरब्रिज पर काम चल रहा है। कोरोना के बाद से कुछ दिक्कतें हुई हैं, लेनिक अब काम लगातार जारी है। अरविंद दीक्षित ने जाम के साथ साथ जलभराव की समस्या का भी मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि जलभराव की समस्या पर सरकार को ध्यान देने की जरूरत है। वहीं, उन्होंने कहा कि इस सरकार में बिजली, शिक्षा के क्षेत्र में यहां काम हुआ है लेकिन स्थानीय स्तर पर कोई काम नहीं दिख रहा।

फर्रुखाबाद का दुर्भाग्य – ज्ञान प्रकाश पाठक ने कहा कि फर्रुखाबाद का दुर्भाग्य है कि यहां विकास नहीं हो पाया। चार विधायक एक सांसद भाजपा के हैं। ओवरब्रिज लंबित पड़ा है, सड़कें खराब हैं। यहां विकास नहीं हुआ है। बगल की शहरें अच्छी हैं लेकिन यहा कुछ काम नहीं हुआ, जबकि सब के सब भाजपा के हैं। ऊपर से जो दिखाया जा रहा है वो निचले स्तर पर दिख नहीं रहा। उधर, हरिओम श्रीवास्तव ने कहा कि ट्रांसपोर्टेशन के लिहाज से फर्रुखाबाद काफी पिछड़ा है। 40 किलोमीटर के रेंज में कोई भी हाईवे नहीं है। यहां के उद्दोग जहां के तहां हैं। यहां आलू के उद्दोग हैं। चिप्स फैक्ट्री की बात चल रही थी पता नहीं उसका क्या है। वहीं, आईटीटी की तैयारी कर रहे छात्र हर्षवर्धन ने कहा कि ओवरब्रिज का मुद्दा उठाया। साथ ही कहा कि बरसात में यहां पानी भर जाता है। वहीं, सरकार को शिक्षा की तरफ ध्यान देना चाहिए। छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी से बाहर जाना पड़ता है। ऋतिक यादव (छात्र) ने कहा कि यहां हमें अच्छा नहीं लगता है। यहां कोई जॉब नहीं है। बीएससी करलिया हूं लेकिन रोजगार नहीं है। रोजगार तो चाहिए, कोई भी नौकरी मिल जाए। बस कंडक्टर दीपक सक्सेना ने कहा कि  1998 से कंडक्टरी कर रहे हैं, यहां कुछ विकास नहीं हुआ है। चारों भाजपा विधायक और एक भाजपा सांसद के रहते यहां विकास नहीं हुआ है।

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