भारत को चीन से ‘निपटने’ के लिए छूट देगा अमेरिका!

रूस : भारत की हवाई सुरक्षा जरूरतों के लिए बेहद उपयोगी एयर डिफेंस सिस्टम एस-400 की आपूर्ति शुरू कर दी है. इस बीच भारत, रूस के राष्ट्रपति ब्लादमिर पुतिन के नई दिल्ली दौरे की तैयारी में भी लगा हुआ है. राष्ट्रपति पुतिन द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन के लिए दिसंबर में नई दिल्ली आ रहे हैं. उधर, भारत और चीन के बीच सीमा पर जारी गतिरोध के कारण इस हवाई सुरक्षा सिस्टम की आपूर्ति को काफी अहम माना जा रहा है. लेकिन, इस पूरे खेल में अमेरिका की भी एंट्री हो गई है. अमेरिका पहले ही कह चुका है कि अगर भारत, रूस से यह रक्षा सौदा करता है तो वह उसके खिलाफ प्रतिबंध लगा देगा. ऐसे में आगे क्या हो सकता है…
भारत को लंबी दूरी तक सतह से हवा में मार करने वाला एयर डिफेंस सिस्टम ‘एस-400’ की पहली खेप दिसंबर के मध्य तक मिल जाने की संभावना है. इस दौरान रूस के राष्ट्रपति ब्लादमिर पुतिन भारत आ रहे हैं. भारत और चीन के बीच सीमा पर चले रहे गतिरोध के बीच रूसी राष्ट्रपति के दौरे और एस-400 की आपूर्ति का मुद्दा दुनिया में छाया हुआ है. इस बीच भारत पर प्रतिबंध लगाने की अमेरिकी चेतावनी भी सुर्खियां बनी हुई है. अमेरिका ने स्पष्ट कर दिया है कि रूस से भारत को बेची जा रही पांच एस-400 सिस्टम उसके एक खास कानून के दायरे में आता है और वह इस कारण भारत पर प्रतिबंध लगाएगा.
रूस से खरीदे जा रहे अत्याधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम एस-400 की आपूर्ति शुरू होने के साथ अमेरिका ने संकेत दिया है कि वह चीन से खतरे के मद्देनजर भारत को प्रतिबंधों से छूट दे सकता है. बीते दिनों अमेरिकी विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका ने इस मिसाइस डिफेंस सिस्टम की रूस से खरीद के कारण भारत पर प्रतिबंध लगाने के बारे में कोई फैसला नहीं किया है. इसके साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि अमेरिका का ‘काउंटरिंग अमेरिकाज एजवर्सरीज थ्रू सैंग्सन्स एक्ट’ में कुछ शर्ते हैं और यह कानून हर किसी पर एक समान लागू नहीं होता.
भारत को एस-400 की डिलीवरी शुरू होने से जुड़े एक सवाल पर प्रवक्ता ने कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडेन की सरकार अपने सभी सहयोगी और साझेदार देशों से कहा है कि वे रूस के साथ लेनदेन से बचें. उनके ऐसा करने से उनके खिलाफ अमेरिकी कानून के तहत प्रतिबंध लग सकता है.
भारत ने वर्ष 2019 में रूस के साथ वार्षिक द्विपक्षीय सम्मेलन में पांच एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीदने का सौदा किया था. इसके बाद अमेरिका ने कहा था कि रूस के साथ भारत का यह रक्षा सौदा प्रतिबंधों के अधीन आ सकता है. अमेरिका का एक नया कानून है जिसके तहत वह ईरान, उत्तर कोरिया और रूस के खिलाफ प्रतिबंध लगाता है.
दरअसल, अमेरिका का यह कानून वहां की सरकार को यह अधिकार देता है कि वह रूस से बड़े हथियार खरीदने वाले देशों के खिलाफ कार्रवाई करे. अमेरिका ऐसा 2014 में रूप के क्रिमिया पर कब्जा करने और 2016 में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रूस द्वारा कथित तौर पर धांधली कराने के आरोप के कारण कर रहा है.
भारत को एस-400 की आपूर्ति शुरू होने के बीच कई अमेरिकी सांसदों ने जो बाइडेन प्रशासन से कहा है कि वह इस मामले में भारत को छूट दें. सांसदों के भारत को छूट देने की मांग संबंधी सवाल पर वहां के विदेश विभाग ने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया है. उसने केवल यही कहा कि इस कानून में सभी देशों पर एक समान प्रतिबंध लगाने या फिर देश के हिसाब से प्रतिबंधों में छूट देने का प्रावधान नहीं है.
प्रवक्ता ने स्पष्ट किया कि रूस के साथ सौदे के कारण भारत पर संभावित प्रतिबंध को लेकर हमने अभी कुछ तय नहीं किया है. उन्होंने कहा कि भारत-अमेरिका रक्षा साझेदारी हाल के सालों में काफी बढ़ी है. यह भारत के एक अहम रक्षा साझेदार होने के हिसाब से है. हम चाहते हैं कि हमारी रक्षा साझेदारी में यह मजबूती बनी रहे. हम भारत के साथ अपने रणनीतिक साझेदारी को महत्व देते हैं.