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यह कुख्यात बन सकता है माओवादियों का सुप्रीम कमांडर, 20 नवंबर को भारत बंद का ऐलान

रांची. झारखंड, बिहार, बंगाल और ओडिशा के कुख्यात नक्सली सुप्रीम कमांडर 72 साल के प्रशांत बोस को कोर्ट ने सात दिनों की पुलिस रिमांड पर भेज दिया. इस एक करोड़ के कुख्यात इनामी और सीपीआई माओवादी के पोलित ब्यूरो मेंबर प्रशांत बोस के साथ ही उसकी पत्नी शीला मरांडी के साथ वीरेंद्र हांसदा, राजू टुडू, कृष्णा बाहन्दा और गुरुचरण बोदरा छह आरोपियों को भी सात दिनों की पुलिस रिमांड दी गई है. बता दें कि इनकी गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने रविवार को ही रिमांड के लिए सरायकेला अनुमंडल दंडाधिकारी की अदालत में आवेदन दिया गया था. इस बीच पोलित ब्यूरो सदस्य व ईआरबी के सचिव प्रशांत बोस व उनकी पत्नी शीला मरांडी की गिरफ्तारी के बाद माओवादियों के ईआरबी ने 20 नवंबर को भारत बंद का आह्ववान किया है.

बता दें कि इससे पूर्व माओवादियों ने 15 नवंबर से 19 तक प्रतिकार दिवस मनाने का फैसला लिया है. माओवादियों का आरोप है कि प्रशांत बोस व शीला मरांडी को पुलिस हिरासत में लेकर मानसिक व शारीरिक यातना दी जा रही है. वहीं, सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भाकपा माओवादियों के सेकेंड इन कमान व ईआरबी के सचिव प्रशांत बोस की गिरफ्तारी के बाद संगठन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिसिर बेसरा को दी जाएगी.

मिली जानकारी के अनुसार प्रशांत बोस की जगह अब मिसिर बेसरा को ईआरबी का सचिव बनाया जा सकता है. गौरतलब है कि झारखंड से पोलित ब्यूरो में झारखंड में दो माओवादी थे, प्रशांत बोस की गिरफ्तारी के बाद सिर्फ मिसिर बेसरा ही पोलित ब्यूरो में शामिल उग्रवादी है.

बताया जा रहा है, सांसद सुनील महतो व विधायक रमेश मुंडा हत्याकांड में पुलिस को महत्वपूर्ण जानकारी मिल सकती है. इसमें कई सफेद पोश के भी नाम आ सकते हैं. इन बिन्दुओं पर पुलिस प्रशांत बोस से सख्ती से पूछताछ करेगी. हालांकि प्रशांत बोस को कहां ले जाया गया है और इनसे कौन-कौन अधिकारी किन बिंदुओं पर पूछताछ करेंगे, इस मामले में कोई कुछ कहने को तैयार नहीं है.

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