मंत्रालय ने आईआरएसडीसी कंपनी को बंद करने का फैसला
नई दिल्ली. भारतीय रेलवे की ओर से स्टेशनों का पुनर्विकास करने की योजना पर काम किया जा रहा है. देशभर के 150 से ज्यादा रेलवे स्टेशनों को वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन के रूप में तैयार करने की योजना है. इन स्टेशनों का पुनर्विकास नोडल एजेंसी के रूप में भारतीय रेलवे स्टेशन विकास निगम लिमिटेड आईआरएसडीसी द्वारा किया जा रहा है.
आईआरएसडीसी रेल भूमि विकास प्राधिकरण, राइट्स और इरकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड की एक संयुक्त उद्यम कंपनी है. लेकिन अब रेल मंत्रालय आईआरएसडीसीने इस कंपनी को बंद करने का फैसला किया है.
इस संबंध में रेलवे बोर्ड के स्टेशन डिविजन-2 के डिप्टी डायरेक्टर हरीश चंद्र की ओर से जारी किए आदेश में आईआरएसडीसी को बंद करने की सैंद्धांतिक रूप से निर्णय लेने की बात कही है. साथ ही आईआरएसडीसी को सभी प्रबंधित स्टेशनों को संबंधित जोनल रेलवे को सौंपने के आदेश भी दिए गए हैं. इस आदेश की प्रति सभी रेल महाप्रबंधकों और जोनल रेलवे को भेज दी गई है.
रेलवे बोर्ड की ओर से सोमवार देर रात को जारी आदेश में कहा है कि आईआरएसडीसी जिन स्टेशनों का प्रबंधन करता है, उन्हें संबंधित जोनल रेलवे को सौंपा जाएगा और निगम आगे के विकास के लिए प्रोजेक्ट्स संबंधी सभी दस्तावेज भी उन्हें सौंपेगा. आईआरएसडीसी का गठन मार्च 2012 में किया गया था.
सूत्रों के मुताबिक आईआरएसडीसी देशभर में 50 रेलवे स्टेशनों के डेवल्पमेंट का काम देख रही थी. लेकिन उसकी कार्यशैली को लेकर रेलवे संतुष्ट नहीं था. आईआरएसडीसी अब तक गांधीनगर रेलवे स्टेशन काे रीडेवल्प करके देश को समर्पित कर चुका है. जबकि, भोपाल का हबीबगंज रेलवे स्टेशन तैयार है. गांधीनगर कैपिटल रेलवे स्टेशन को एयरपोर्ट सुविधाओं की तर्ज पर तैयार किया गया है. इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था.
सूत्र बताते हैं कि आईआरएसडीसी और प्रोजेक्ट्स के अलावा मुंबई के छत्रपति शिवाजी टर्मिनस के पुनर्विकास के लिए भी बोली प्रक्रिया में शामिल हो चुका है. उसने हाल ही में केएसआर बेंगलुरु रेलवे स्टेशन और चंडीगढ़ में ‘रेल आर्केड’ की स्थापना के लिए बोलियां आमंत्रित की थीं. बताया जाता है कि आईआरएसडीसी दक्षिण भारत में 90 रेलवे स्टेशनों के सुविधा प्रबंधन की योजना की भी घोषणा कर चुका है.
जानकारी के मुताबिक रेल मंत्रालय की ओर से आईआरएसडीसी से पहले एक अन्य संगठन को भी पिछले माह सितंबर में बंद किया जा चुका है. भारतीय रेलवे वैकल्पिक ईंधन संगठन को सितंबर, 2021 में बंद किया जा चुका है. यह आईआरएसडीसी दूसरा ऐसा संगठन है जिसको बंद करने का फैसला रेल मंत्रालय की ओर से लिया गया है.