दिल्ली

केजरीवाल के किसान विरोधी नीति के खिलाफ भाजपा का प्रचंड विरोध प्रदर्शन

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि किसानों की आवाज को पिछले 7 सालों से दबाने वाली केजरीवाल सरकार लगातार किसानों के अधिकारों का हनन कर रही है। दिल्ली देहात के किसानों के साथ आखिर इस तरह की बर्बरता क्यों ? उन्होंने केजरीवाल का क्या बिगाड़ा है ? आज प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता, नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी और सांसद रमेश बिधूड़ी के नेतृत्व में हुए केजरीवाल सरकार के किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में श्री गुप्ता ने कहा कि आज किसान अपनी जमीन का मालिकाना हक लेने के लिए खुद की लड़ाई लड़ रहे हैं, लेकिन केजरीवाल सरकार उन्हें मालिकाना हक नहीं दे रही है, एवं दिल्ली सरकार के कारण किसानों को केंद्र की किसान सम्मान निधि योजना का लाभ नहीं मिल रहा है और न ही उन्हें किसान फसल योजना का लाभ मिल रहा है। इस विरोध प्रदर्शन के संयोजक प्रदेश किसान मोर्चा अध्यक्ष विनोद सहरावत थे।

श्री गुप्ता ने केजरीवाल सरकार की तुलना अंग्रेजी हुकूमत से करते हुए कहा कि धारा 81 के अंतर्गत दिल्ली सरकार के अधिकारी केजरीवाल के इशारे पर दिल्ली देहात के किसानों की जमीनों पर जबरदस्ती कब्जा कर रहे हैं। उन्होंने केजरीवाल को चुनौती दिया कि पिछले सात सालों में जितना जुल्म किसानों के ऊपर किया गया है अब उसका बदला लेने का वक़्त आ गया है और ये दिल्ली देहात के किसान एक बार फिर से निगम चुनाव में हराकर देगी।

श्री गुप्ता ने कहा कि अन्य राज्यों में किसानो को सब्सिडी मिलती है, लेकिन दिल्ली के किसानों को इससे दूर रखा जाता है। ट्यूबेल लगाने का अनुमति नहीं दे रहे हैं और अगर ट्यूबेल लगाया जाता है तो कमर्सियल दर पर बिजली का बिल देना होगा। यह दोहरी नीति आखिर क्यों ? 200 गांवों में पानी भरा हुआ है, लेकिन दिल्ली सरकार कुछ करने की जगह मौन है।

नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि दिल्ली देहात के किसानों और ग्रामीणों की समस्याएं लगातार गंभीर होती जा रही हैं। सरकार के समक्ष ये समस्याएं पहले भी उठाई जा चुकी हैं, लेकिन इनका निदान अब तक नहीं हो पाया। इसके लिए हमने पत्र लिखकर सरकार से शीघ्र ही किसानों की मांगों पर ध्यान देने और दिल्ली देहात के किसानों और ग्रामीणों के साथ न्याय करने को कहा है।

उन्होंने कहा कि किसानों और ग्रामीणों की मांग है कि दिल्ली के 200 से ज्यादा गांवों में खेती की जमीन पर बरसात का पानी भरा हुआ है। इससे सैंकड़ों करोड़ रुपए की धान, सब्जी और अन्य फसलें तबाह हो गई हैं। सरकार तुरंत पानी की निकासी का प्रबंध करे और किसानों को हुए नुकसान की भरपाई करे। पिछले दो सालों से दिल्ली सरकार ने बजट में तो ग्रामीण विकास बोर्ड के लिए धनराशि का प्रावधान किया है, लेकिन इस दौरान गांवों के विकास के लिए कोई राशि जारी नहीं की गई। इससे पिछले दो सालों से गांवों में विकास के कार्य पूरी तरह बंद हैं।

दिल्ली के किसानों के 15 सूत्रीय मांग को लेकर आज हुए प्रदर्शन में रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि किसानों की मांग है कि दिल्ली में गिरदावरी और दाखिल खारिज की प्रक्रिया पर सरकार ने रोक लगा दी है। यह प्रक्रिया बंद होने के बाद अगर किसी किसान की मृत्यु हो जाती है तो उसके उत्तराधिकारियों के नाम रेवेन्यू रिकॉर्ड में दर्ज नहीं हो रहे। इसलिए किसानों को मालिकाना हक नहीं मिल पा रहा। इसके अलावा ग्राम सभाओं की लगभग 4 हजार करोड़ रुपए की राशि सरकार के पास पड़ी हुई है। इस राशि का इस्तेमाल गांवों के विकास के लिए किया जाए।

सांसद रमेश बिधूड़ी ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने घोषणा की थी कि दिल्ली में किसानों को एमएसपी पर 50 प्रतिशत अतिरिक्त भुगतान किया जा रहा है और इस पर 300 करोड़ रुपए की राशि खर्च हो रही है। यह राशि आज तक नहीं दी गई। उन्होंने कहा कि 20 सूत्री कार्यक्रम के तहत किसानों को जो जमीन दी गई थी, उसके मालिकाना हक दिए जाएं। इस मौके पर प्रदेश किसान मोर्चा के महामंत्री अनूप चौधरी एवं राजपाल राणा सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।

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