उत्तर प्रदेश

अवैध धर्मांतरण के आरोपी मौलाना फरार, फतेहपुर पुलिस पर उठे सवाल

 

फतेहपुर. यूपी के फतेहपुर जिले में अवैध धर्मांतरण के मामले में पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है. केस दर्ज होने के डेढ़ महीने बाद भी पुलिस धर्मांतरण के आरोपी मौलाना उमर शरीफ महजरी व उसके बेटे उमैर शरीफ की गिरफ्तारी नहीं कर सकी है. बताया जाता है कि धर्मांतरण के आरोपी अपनी ऊंची पहुंच और रसूख के चलते आराम से घूम रहे हैं. मामला सदर कोतवाली क्षेत्र के नुरूलहुद इंग्लिश मीडियम स्कूल है.

नुरूलहुदा इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़ाने वाली पूर्व टीचर कल्पना सिंह ने अवैध धर्मांतरण का आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया था. पूर्व टीचर का आरोप था कि अवैध धर्मांतरण के आरोप में जेल में बंद मौलाना उमर गौतम भी अन्य मौलानाओं के साथ स्कूल आया करता था और तकरीर के जरिए लोगों का ब्रेनवॉश कर उन्हें धर्मांतरण के लिए प्रेरित किया करता था.

पूर्व टीचर का यह भी आरोप था कि हिन्दू बच्चों को स्कूल में कलमा भी पढ़ाया जाता था, जब उन्होंने इसका विरोध किया तो स्कूल प्रबंधक ने पहले तो उन्हें लालच देकर धर्मांतरण का दबाव बनाया. जब वह स्कूल प्रबंधक की बात नहीं मानीं तो उन्हें भला-बुरा कहकर स्कूल से निकाल दिया.

स्कूल में अवैध धर्मांतरण की पाठशाला चलाने के मामले में न्यूज 18 ने पूर्व में ही प्रमुखता से खबर दिखाई थी. जिसके बाद सदर कोतवाली पुलिस ने पूर्व टीचर कल्पना सिंह की शिकायत पर तीन आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया था, जिसमें एक नाम जेल में बंद मौलाना उमर गौतम का भी शामिल है. धर्मांतरण जैसे गंभीर मामले में पुलिस ने केस तो दर्ज कर लिया था, लेकिन डेढ़ महीने बाद भी आरोपी स्कूल प्रबंधक और उसके बेटे को नहीं गिरफ्तार कर सकी है. पुलिस जांच के नाम पर सिर्फ लकीरें पीटने तक ही सीमित है. सूत्रों की माने तो जांच के दौरान इस मामले में विदेशी फंडिग सहित पुलिस के हाथ कई अहम सबूत भी लगे हैं.

बता दें की अवैध धर्मांतरण के आरोप में जेल में मौलाना उमर गौतम फ़तेहपुर जिले के पंथुआ गांव का ही रहने वाला है. यूपी एटीएस की गिरफ्तारी के बाद मौलाना उमर गौतम का जिले के कई मदरसों से कनेक्शन सामने आया था. हाल ही में जिले के गाज़ीपुर कस्बे की मस्जिद में धर्मांतरण की पाठशाला चलाने वाला विदेशी मौलाना हाफिज फिरोज आलम को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा है. वह मूलरूप से नेपाल देश का रहने वाला था, जो गैर कानूनी तरीके से पिछले 20 सालों से अपनी पहचान छिपाकर गाज़ीपुर कस्बे में रहकर धर्मांतरण की पाठशाला चला रहा था. उस मामले में भी पुलिस की लापरवाही खुलकर सामने आई है.

इससे पूर्व जिले के खखरेरू थाना क्षेत्र के पुरमई गांव से भी अवैध धर्मांतरण का मामला सामने आया था. थाने में शिकायत दर्ज कराने वाली महिला पूनम सोनकर का आरोप था कि उसका पति विजय सोनकर कमाने के लिए दिल्ली गया हुआ था, जहां उसने किसी मौलाना के बहकावे में आकर इस्लाम धर्म अपना लिया था. जब वह दिल्ली से वापस घर लौटकर आया तो पूरे परिवार पर इस्लाम धर्म अपनाने के लिए दबाव बना रहा था. जब उसने विरोध किया तो उसे बेरहमी से मारा पीटा. पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर आरोपी पति को तो गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था, लेकिन धर्मांतरण कराने वाले मौलाना को अभी तक नही खोज पाई है.

आपको बता दें की प्रदेश की योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020 को मंज़ूरी दी थी. जिसके बाद धर्मांतरण के मामलों में सरकार का बेहद कड़ा रुख रहा है. सरकार की तमाम सख्ती के बावजूद भी धर्मांतरण जैसे गंभीर मामलों में फ़तेहपुर पुलिस लापरवाही की सभी हदें पार कर रही है.

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