लोक जन शक्ति पार्टी चाचा-भतीजे में बंटी

नई दिल्ली। निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को अंतरिम उपाय के तौर पर लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के दोनों गुटों को दो अलग-अलग पार्टी के तौर पर मान्यता दे दी। उप चुनाव तक चिराग पासवान के नेतृत्व वाली पार्टी का नाम लोक जन शक्ति पार्टी (रामविलास) होगा। पार्टी को हेलिकॉप्टर चुनाव चिह्न दिया गया है। वहीं, उनके चाचा और केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस की पार्टी का नाम राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (आरएलजेपी) होगा। आरएलजेपी का चुनाव चिह्न सिलाई मशीन होगा।
पासवान और पारस को लिखे अलग-अलग पत्रों में निर्वाचन आयोग ने कहा है कि उसने चिराग पासवान गुट को लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास)नाम और चुनाव चिह्न हेलीकॉप्टर आवंटित किया है। आयोग ने पारस से कहा, आपके अनुरोध पर विचार करने के बाद आयोग ने आपके समूह के लिए राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (आरएलजेपी) नाम और चुनाव चिह्न सिलाई मशीन का आवंटन किया है। आयोग ने कहा कि मौजूदा उपचुनाव में अगर उनका गुट किसी को उम्मीदवार बनाता है तो उसे यह चिह्न दिया जाएगा। 2 अक्तूबर को एक अंतरिम आदेश में आयोग ने दोनों गुटों को लोक जनशक्ति पार्टी का नाम या उसके चुनाव चिह्न बंगले का उपयोग करने से तबतक रोक दिया था, जब तक कि दोनों गुटों के बीच विवाद का आयोग द्वारा निपटारा नहीं कर दिया जाता।
अंतरिम आदेश पर मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा और दो निर्वाचन आयुक्तों राजीव कुमार और अनूप चंद्र पांडे के हस्ताक्षर हैं। यह अंतरिम आदेश बिहार में दो विधानसभा क्षेत्रों सहित पूरे देश में 30 विधानसभा सीटों और तीन लोकसभा सीटों के लिए 30 अक्तूबर को होने वाले उपचुनाव में लागू होगा। चुनाव चिह्न (आरक्षण और आवंटन) आदेश, 1968 के प्रावधानों के अनुसार, आदेश मामले में विवाद के अंतिम निर्धारण तक जारी रहेगा। आयोग ने कहा था कि दोनों समूह अपनी पसंद के नाम चुनने के लिए स्वतंत्र हैं, जिसमें वे चाहें तो अपनी मूल पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी के जुड़े नाम का भी चयन कर सकते हैं।