विश्व की सबसे ऊंची जोजिला सुरंग कब होगी तैयार

श्रीनगर. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने विश्व की सबसे ऊंचाई पर बन रही जोजिला सुरंग तैयार करने का समय तय कर दिया है. मंगलवार को जोजिला सुरंग पर मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि इसके निर्माण की प्रगति को देखकर दिसंबर 2023 तक बनकर तैयार होने की पूरी संभावना है. इसका उद्घाटन 26 जनवरी 2024 तक प्रधानमंत्री द्वारा कराऊंगा. साथ ही, उन्होंने कहा कि 2024 में चुनाव है, इसलिए इससे पहले ही सड़क के बड़े प्रोजेक्ट पूरे करने हैं.
सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा यह सुरंग विश्व की सबसे ऊंचाई पर बनने वाली पहली सुरंग है जो सतह से 11575 फुट की ऊंचाई पर है और एक सुरंग से दोनों ओर का ट्रैफिक चल सकेगा. यह अपने आप में विश्व रिकार्ड होगा. इसकी लंबाई 14.5 किलोमीटर है. अभी जोजिला पास को पार करने में साढ़े तीन घंटे का समय लगता है, लेकिन सुरंग बनने के बाद केवल 15 मिनट में पार कर जाएंगे. इसका जून 2020 में टेंडर दिया गया है. आधिकारिक रूप में सुंरग का काम पूरा होने का समय 2026 है लेकिन निर्माण की प्रगति देखकर निर्माण कंपनी मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लि. (एमईआईएल) को इसे वर्ष 2023 तक तैयार करने का लक्ष्य दिया है. इसके लिए एप्रोच रोड 19.5 किलोमीटर का तैयार किया जाएगा. इस तरह टनल और रोड दोनों मिलाकर करीब 32 किमी होगा. सुरंग के निर्माण में 4506 करोड़ रुपए की लागत आएगी. सुरंग, एप्रोच रोड और जमीन अधिग्रहण सब मिलाकर करीब कुल 6800 करोड़ रुपए की लागत आएगी.
उन्होंने बताया कि इसके निर्माण से पहले नार्वे, स्वीडन, इटली और फ्रांस में बनी सुरंगों का अध्ययन किया गया है. इसके लिए भारत से कई टीमें इन देशों में गईं और वहां पर रहकर अध्ययन किया. उनकी तकनीक को समझा. इसके बाद काम शुरू हुआ है.
इस सुरंग की खास बात यह है कि इसकी टेक्नीकल और फाइनेंशियल रिपोर्ट सड़क परिवहन मंत्री ने स्वयं तैयार की है. उन्होंने बताया कि रिपेार्ट बनाने के लिए कई दिनों तक देर रात तक जगना पड़ा था, क्योंकि दिन में मंत्रालय के और बहुत काम होते हैं.
सुरंग बनाने में मलबे का इस्तेमाल किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि खुदाई के दौरान निकलने वाले पत्थरों से ही रेत, कंक्रीट बनाकर बनाया जा रहा है, इसके लिए सुरंग के पास प्लांट भी बनाए हैं.
सड़क परिवहन मंत्री ने बताया कि जोलिला सुरंग में सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जा रहा है. जगह-जगह फायर फाइटिंग सिंस्टम लगाए जाएंगे, जिससे किसी वाहन में आग लगने पर स्वयं अलार्म बज जाएंगे. इमरजेंसी के लिए फोन लगाए जाएंगे. जगह जगह सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे. इसके अलावा मॉनिटर करने के लिए कंट्रोल रूम भी बनाया जाएगा.