uncategrized

शिरोमणि अकाली दल ने गुरुद्वारा चुनाव निदेशक नरेंद्र सिंह के खिलाफ केन्द्रीय सतर्कता विभाग के पास की शिकायत

 

नई दिल्ली । शिरोमणि अकाली दल ने गुरुद्वारा चुनाव निदेशक नरेंद्र सिंह द्वारा दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी के सदस्यों की कोऑपशन के समय दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी एक्ट 1971 की धाराओं का उल्लंघन करने के खिलाफ केन्द्रीय सतर्कता विभाग (सी.वी.सी) सुरेश एन.पटेल के पास शिकायत की है। अपनी शिकायत में दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी के अध्यक्ष व अकाली दल के राष्ट्रीय प्रवक्ता स. मनजिंदर सिंह सिरसा ने सी.वी.सी को बताया कि दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी एक्ट के तहत सदस्यों की कोऑप्शन के लिए नियम धारा 4 बी में भी दर्ज है। जिसके तहत कोऑप्शन के समय सबसे पहले अकाल तख्त साहिब सहित चार तख्त के जत्थेदार, फिर शिरोमणि कमेटी सदस्य, फिर सिंह सभाओं के दो सदस्य लाटरी के माध्यम से तथा अंत में दिल्ली की सिख संगत में से दो प्रतिनिधि चुनने हेाते हैं। स. सिरसा ने बताया कि नरिंद्र सिह बतौर निदेशक अपना फर्ज निभाने में बहुत ही मनमानियां कर रहे हैं और सिख संगत तथा दिल्ली कमेटी के हितों के खिलाफ बदले की भावना से गैर कानूनी तरीके से कार्य कर रहे हैं। 31 अगस्त को सदस्यों की कोऑप्शन की प्रक्रिया 9 सितंबर को पूरी करने के लिए नोटिफिकेशन जारी किया गया था पर नरिंद्र सिंह ने दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी एक्ट धारा 4 बी के तहत नियमों की पालना नहीं की और सीधा ही चौथे नंबर पर दर्ज व्यवस्था के तहत दो सदस्यों का चुनाव करवा दिया ताकि परमजीत सिंह सरना को सदस्य बनाया जा सके और फिर तीसरे नंबर पर दर्ज दो सिंह सभाओं की लॉटरी के माध्यम से एतराज़ मांग कर बाकी तीन व्यवस्थाओं के तहत चुनाव मुलतवी कर दिए और चुनाव के लिए कोई तारीख भी तय नहीं की। उन्होंने कहा कि रिटर्निंग अफसर नरिंद्र सिंह ने इस प्रकार ना केवल कानून का उल्लंघन किया है बल्कि एक पाप किया है। 22 अगस्त को हुए चुनावों का नतीज़ा 25 अगस्त को घोषित किया गया जिसमें अकाली दल ने स्पष्ट बहुमत प्राप्त किया है पर नरिंद्र सिंह ने बाकी को ऑप्शन के चुनावों मे इसलिए देरी है ताकि परमजीत सिंह सरना व उनके साथी सदस्यों की खरीद फरोख्त कर सकें। उन्होंने बताया कि एक्ट की धारा 2 (जी)(जी) के तहत उन्होंने सी.वी.सी को यह शिकायत इसलिए दी है क्योंकि एक्ट के मुताबिक वह इसके लिए वैधानिक रूप से अधिकृत है। उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि 9 सदस्यों की कोऑप्शन सहित पूरी चुनाव प्रक्रिया तय समय पर पूरी की जाए और नरेंद्र सिंह के खिलाफ ठोस कार्रवाई की जाये। उन्होंने केन्द्रीय सतर्कता आयोग को यह भी बताया कि इस व्यक्ति नरिंद्र सिंह ने 30 मार्च 2021 को एक आदेश्र जारी कर गलत तरीके से अकाली दल का चुनाव चिन्ह बाल्टी फ्रीज़ कर दिया था पर माननीय दिल्ली हाईकोर्ट ने 31.3.21 को अपने आदेश में यह चुनाव चिन्ह बहाल किया। उन्होंने आगे कहा कि गैर कानूनी हरकत इसके द्वारा सदस्यों के चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने से दो दिन पहले की गई।

Show More

यह भी जरुर पढ़ें !

Back to top button