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इस देश में नहीं होता शव का अंतिम संस्कार, पिलाई जाती है सिगरेट

जकार्ता: आपने दुनियाभर की कई अजीबोगरीब परंपराओंके बारे में सुना होगा लेकिन इस जनजाति की परंपरा के बारे में जानकर आप सच में सोच में पड़ जाएंगे. यहां के लोग अपने परिजनों को जमीन में दफनाते नहीं हैं और ना ही उन्हें आग देते हैं. ये लोग अपने परिजनों के शव को कंबल में लपेटकर और ताबूत में बंद करके घर में रख देते हैं और एक स्पेशल दिन पर मुर्दे को दोबारा शव से निकालते हैं.

द सन में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, शव के साथ अजीबोगरीब परंपरा निभाने वाली इस जनजाति का नाम टोजारा है. ये लोग इंडोनेशिया के साउथ सुलावेसी में रहते हैं. इनकी जनसंख्या करीब 10 लाख है. सौभाग्य की आशा में ये लोग अपने परिजनों के शव को फिर से ताबूत से निकालते हैं.

बता दें कि टोजारा जनजाति इस त्यौहार को जुलाई, अगस्त और सितंबर के महीने में मनाती है. इस दौरान मुर्दे को ताबूते से निकालकर नए कपड़े पहनाए जाते हैं. उनको सजाया जाता है. फिर उनको खाना ऑफर किया जाता है. इसके बाद मुर्दे को सिगरेट और अन्य चीजें भी पिलाई जाती हैं. कुछ लोग तो इस दौरान मुर्दों के साथ फोटो भी खिंचवाते हैं.

टोजारा जनजाति के लोगों का मानना है कि मौत के बाद भी आत्मा अपने घर में ही रहती है इसीलिए उसे खाना, सिगरेट, पानी और कपड़े दिए जाते हैं. मौत के बाद शव को एक स्पेशल घर में रखा जाता है, जिसे टोंगकोनान कहते हैं. शव को ताबूत में बंद करके घर में रखने के दौरान टोजारा जनजाति के लोग टोजारा भाषा में प्रार्थना करते हैं और गाने भी गाते हैं.

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