पंजशीर तालिबान के साथ शांति वार्ता के लिए तैयार

नई दिल्ली. पंजशीर में प्रतिरोधी बलों ने शांति समझौता करने की पेशकश की है. इसके साथ ही वह तालिबान, पाकिस्तानी व अलकायदा द्वारा लगातार हमलों के बीच चीजों को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाना चाहता है. तालिबान विरोधी मिलिशिया और पूर्व अफगान सुरक्षा बलों से बने तथाकथित राष्ट्रीय प्रतिरोध मोर्चा (एनआरएफ) के लड़ाके अगस्त में काबुल पर कब्जा करने के बाद से विद्रोहियों के खिलाफ डटे हुए हैं.
‘कार्यवाहक’ राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह और दिवंगत मुजाहिदीन कमांडर अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद आतंकवादी समूह के खिलाफ काफी कोशिश कर रहे हैं. सूत्रों ने कहा कि अब, प्रतिरोध बल चाहता है कि ‘बुजुर्ग’ तुरंत कार्यभार संभालें और ‘युद्ध में मदद करना बंद करें’.
इससे पहले, सालेह ने संयुक्त राष्ट्र को पत्र लिखकर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सहायता एजेंसियों से कट्टरपंथियों द्वारा किए गए “युद्ध अपराधों” को समाप्त करने के लिए अपने संसाधनों को तुरंत एकजुट करने के लिए कहा था. सालेह ने एक बयान में ‘बड़े पैमाने पर मानवीय संकट’ की भी बात की, जिसमें हजारों ‘तालिबान के हमले से विस्थापित’ थे.
प्रतिरोध बलों के खिलाफ तालिबान की लड़ाई में पाकिस्तान विद्रोही बलों का साथ दे रहा है. इतना ही नहीं, पाकिस्तान तालिबान को हवाई सहायता भी प्रदान कर रहा है. सूत्रों ने कहा था कि प्रतिरोध सैनिकों से लड़ने के लिए विशेष बलों को उतारा गया है.
मसूद ने रविवार को फेसबुक पर एक पोस्ट में कहा कि वह लड़ाई खत्म करने के लिए बातचीत से समाधान के लिए धार्मिक विद्वानों के प्रस्तावों का स्वागत करते हैं. मसूद ने फेसबुक पोस्ट में कहा, ‘एनआरएफ सैद्धांतिक रूप से मौजूदा समस्याओं को हल करने और लड़ाई को तत्काल समाप्त करने के साथ ही बातचीत जारी रखने के लिए सहमत है.’
पड़ोसी प्रांत बगलान के एक जिले का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘स्थायी शांति के लिए एनआरएफ इस शर्त पर लड़ाई बंद करने के लिए तैयार है कि तालिबान भी पंजशीर और अंदराब पर अपने हमलों और सैन्य गतिविधियों को रोक दे.’