उत्तर प्रदेशधर्म - अध्यात्म
क्यों साढ़े 11 महीने बंद रखी थीं राधा ने अपनी आंखें, राधा से उम्र में छोटे थे कृष्ण
मथुरा. जनमाष्टमी का त्योहार गुरुवार को मनाया जा रहा है। आपको राधा कृष्ण से जुड़े इंट्रेस्टिंग फैक्ट्स के बारे में बताने जा रहा है। भगवान कृष्ण उम्र में राधा से साढ़े 11 महीने छोटे थे। कृष्ण से पहले ही राधा ने जन्म ले लिया था, लेकिन जब तक भगवान कृष्ण के दर्शन नहीं हुए, उन्होंने आंखें बंद रखीं। कमल के फूल में हुआ था राधा का जन्म…
– रावल गांव (मथुरा) में जन्माष्टमी जोर-शोर से मनाई जा रही है।
– मान्यता है कि ये वहीं गांव है, जहां राधा का जन्म हुआ था। यहां राधा का मंदिर है, जहां 5 हजार साल पहले यमुना बहती थी।
– मंदिर के पुजारी ललित मोहन बताते हैं, शास्त्रों के अनुसार कृति जी (राधा की मां) यमुना में स्नान करते हुए मन्नत मांगती थीं कि उन्हें एक बेटी हो।
– एक दिन पूजा करते समय यमुना जी से कमल का फूल निकला, जो सोने सा चमक रहा था।
– मंदिर के पुजारी ललित मोहन बताते हैं, शास्त्रों के अनुसार कृति जी (राधा की मां) यमुना में स्नान करते हुए मन्नत मांगती थीं कि उन्हें एक बेटी हो।
– एक दिन पूजा करते समय यमुना जी से कमल का फूल निकला, जो सोने सा चमक रहा था।
– पास आकर देखा तो कमल का फूल खिल गया। इसमें एक छोटी बच्ची थी, जिसकी आंखें बंद थीं।
साढ़े 11 महीने तक बंद रही थीं राधारानी की आंख
– शास्त्रों के अनुसार, साढ़े 11 महीने तक राधा की आंखें बंद रहीं।
– शास्त्रों के अनुसार, साढ़े 11 महीने तक राधा की आंखें बंद रहीं।
– कंस की जेल में कृष्ण का जन्म हुआ और वह रातों-रात गोकुल में नंदबाबा के घर पहुंचा दिए गए।
– उस समय नंदबाबा ने सभी जगह संदेश भेजा और कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया।
– एक दिन ब्रज (मथुरा) के सबसे बड़े राजा वृषभान कृष्ण को लेकर राधा के घर पहुंचे।
– कृष्ण का नाम सुनते ही राधा ने जन्म के बाद पहली बार आंखें खोलीं।
– पंडित बताते हैं, उस समय कंस के डर से सभी लोग पलायन कर पहाड़ी पर चले गए। राधा और उनकी मां भी पहाड़ी पर चले गए, जिसके बाद वहां का नाम बरसाना पड़ा।
– रावल गांव में अभी भी बगीचा है, जिसका नाम राधा-कृष्ण बगीचा है। यहां दो पेड़ हैं। एक श्वेत है और दूसरा श्याम रंग का।
– माना जाता है कि राधा-कृष्ण यहीं पर बैठकर यमुना को देखते थे।
– उस समय नंदबाबा ने सभी जगह संदेश भेजा और कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया।
– एक दिन ब्रज (मथुरा) के सबसे बड़े राजा वृषभान कृष्ण को लेकर राधा के घर पहुंचे।
– कृष्ण का नाम सुनते ही राधा ने जन्म के बाद पहली बार आंखें खोलीं।
– पंडित बताते हैं, उस समय कंस के डर से सभी लोग पलायन कर पहाड़ी पर चले गए। राधा और उनकी मां भी पहाड़ी पर चले गए, जिसके बाद वहां का नाम बरसाना पड़ा।
– रावल गांव में अभी भी बगीचा है, जिसका नाम राधा-कृष्ण बगीचा है। यहां दो पेड़ हैं। एक श्वेत है और दूसरा श्याम रंग का।
– माना जाता है कि राधा-कृष्ण यहीं पर बैठकर यमुना को देखते थे।